फिरोजाबाद: एचडीएफसी बैंक में फर्जीवाड़ा से बैंक खाता खोल सवा करोड़ से अधिक रुपयों का गबन करने के आरोपी पूर्व शाखा प्रबंधक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपी शाखा प्रबंधक घपले के बाद से फरार था। पुलिस ने इस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित करने के साथ-साथ गैंगस्टर भी लगा रखा था। घपले में शामिल दो लोगों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।
एसएसपी सचिंद्र पटेल ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड के देहरादून थाना रायपुर के लाडपुर फ्रेंड्स कालोनी निवासी दिनेश ध्यानी शहर के एचडीएफसी बैंक में 2010 से 2015 तक बैंक प्रबंधक पद पर तैनात रहा था।
दिनेश ध्यानी ने इसी दौरान थाना जसराना के कटैना हर्षा निवासी लोकेंद्र प्रताप, नवल कुमार पुत्रगण दिनेश बाबू के साथ मिलकर बैंक में फर्जी आईडी के माध्यम से कई फर्जी बैंक खाते खोल दिए थे। इनके माध्यम से ऋण स्वीकृत करते हुए एक करोड़ 28 लाख 33 हजार आठ सौ पांच रुपया का घपला किया था।
मामला उजागर होने पर वर्ष 2015 में थाना उत्तर में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस लोकेंद्र एवं नवल कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, लेकिन पूर्व प्रबंधक दिनेश ध्यानी घपला किए जाने के बाद फरार हो गया था।
पुलिस इसकी गिरफ्तारी करने का लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन हाथ नहीं आ पा रहा था। एसएसपी सचिंद्र पटेल ने बताया कि दनिश ध्यानी पर 10 हजार का इनाम घोषित करने के साथ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।
थाना उत्तर प्रभारी रवींद्र दुबे, अपराध शाखा के प्रभारी निरीक्षक लोकेश भाटी, प्रवेश कुमार ने शनिवार को वांछति अपराधियों को स्थानीय बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने एचडीएफसी बैंक के पूर्व प्रबंधक को गिरफ्तार किए जाने पर पुलिस टीम को 10 हजार का अपनी ओर से पुरस्कार देने की घोषणा की है।
एचडीएफसी बैंक द्वारा खाते पर ऋण स्वीकृत किए जाने के बाद किश्त जमा नहीं होने पर घपला का खुलाया हुआ था। मामला बैंक के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो आरोपी बैंक को छोड़कर गायब हो गया था।
जांच पड़ताल में मामला आने के बाद खुद आईडी धारकों की तहरीर पर ही थाना पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज किया था। कई मामले सामने आने के बाद पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट की तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की थी।