लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां इलाहाबाद के संगम क्षेत्र में 1252.58 करोड़ रुपए की लागत से कुम्भ, अर्द्धकुम्भ एवं माघ मेला के अवसर पर वृद्ध अशक्तजन एवं दिव्यांग तीर्थयात्रियों हेतु संगम तट पर सुरक्षित एवं सुगम 4-लेन सेतु एवं पहुंच मार्ग का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सदियों से आयोजित हो रहे इन मेलों में आने वाले तीर्थयात्रियों को समय के साथ बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से समाजवादी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। यह परियोजना विश्व में अपने ढंग की अद्वितीय परियोजना होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना के निर्माण में धनराशि की कमी नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में इस परियोजना के साथ-साथ कई अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने आज लगभग 1877 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कुम्भ मेला को अद्भुत आयोजन बताते हुए कहा कि कुम्भ एवं अर्द्धकुम्भ के समय में एक अलग नगर बस जाता है। बिना बुलाए लोग स्वयं उपस्थित होकर अपने परम्परागत धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए, व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम संस्थानों को विस्मय में डालने वाले इस आयोजन पर शोध करने की प्रेरणा मिलती रही है। सन् 2013 में आयोजित कुम्भ मेला में भी ऐसे कई लोगों एवं टीमों ने पूरी मेला अवधि में रुक कर इस पर शोध कर किताबें लिखीं, फिल्में एवं डाॅक्यूमेण्ट्री भी बनाई।
श्री यादव ने कहा कि वर्ष 2012 में जब समाजवादी सरकार सत्ता में आयी, तो कुम्भ आयोजन की तैयारियों के लिए बहुत कम समय उपलब्ध था। लेकिन नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने अपने अनुभवों एवं कर्मठता से कुम्भ आयोजन की तैयारियों को न केवल निर्धारित समय में पूरा कराया, बल्कि भव्य एवं शान्तिपूर्ण मेला भी सम्पन्न कराया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा आज शुरू की गई परियोजना को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि इससे यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को राहत मिलेगी।
राज्य सरकार द्वारा कराए गए विभिन्न विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार द्वारा कई ऐसी परियोजनाएं पूरी कराई गई हैं, जिनका लाभ आगे आने वाली पीढ़ियों को भी मिलेगा। उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते हुए कहा कि इस परियोजना से सभी क्षेत्रों एवं वर्गों का विकास होगा। वहीं निःशुल्क लैपटाप वितरण योजना से उन छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा, जो आर्थिक रूप से इस प्रकार की तकनीक के प्रयोग के लिए सक्षम नहीं थे।
नोटबन्दी को आर्थिक रूप से खराब निर्णय बताते हुए श्री यादव ने कहा कि प्रदेश के कारोबार मंे रुकावट आ रही है। इससे राज्य का विकास प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से गोमती, वरुणा एवं यमुना जैसी नदियों के लिए लखनऊ, वाराणसी एवं वृन्दावन में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई तब तक सम्भव नहीं है, जब तक इसमें गिरने वाले गन्दे नालों को रोका न जाए। लेकिन इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा कोई सहयोग प्रदान नहीं किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि कुम्भ एवं अर्द्धकुम्भ के आयोजन के दौरान इलाहाबाद में देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रस्तावित परियोजना इस प्रकार पूरी की जाए कि इसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में हो। कार्यक्रम को राज्य सभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह, विधायक श्री अंसार अहमद, श्री महामंत्र दास जी, श्री सतुआ महाराज जी, श्री महन्त हरिगिरि महाराज जी, श्री नरेन्द्र गिरि महाराज जी तथा सचिव नगर विकास श्री श्रीप्रकाश सिंह ने भी सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई अन्य परियोजनाओं में 1.28 करोड़ रुपए की लागत से बसवार साॅलिड वेस्ट प्लाण्ट की आर0सी0सी0 (750 मी0) में बाउण्ड्री वाॅल, 50 लाख रुपए की लागत से यमुना बैंक रोड पर बोट क्लब के निकट स्कल्पचर पार्क, 73.74 करोड़ रुपए की लागत से इलाहाबाद में स्व0 जनेश्वर मिश्र आधुनिकतम राजकीय पुस्तकालय, 6.28 करोड़ रुपए की लागत से इलाहाबाद में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कोरांव शामिल है।
इसके अलावा, 352 करोड़ रुपए की लागत से समाजवादी योजना के तहत यमुना विहार, नैनी आवास योजना में 1200 अल्प/मध्यम उच्च आय वर्ग के फ्लैट, 2.37 करोड़ रुपए की लागत समाज के दुर्बल/अल्प आय वर्ग हेतु नैनी में आजाद आवासीय योजना के तहत फ्लैट, 3.38 करोड़ रुपए की लागत से नैनी में जान्ह्वी विहार के तहत फ्लैट, 4 करोड़ रुपए की लागत से महात्मा गांधी मार्ग में पत्थर गिरिजा घर से तुलसी चैराहे तक डिवाइडर व सड़क सुदृढ़ीकरण, 7.59 करोड़ रुपए की लागत से जनपद इलाहाबाद की 5 सड़क, लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से जनपद इलाहाबाद के विकासखण्ड की गोईसरा पेयजल योजना, 1.23 करोड़ रुपए की लागत से विकासखण्ड कोरांव के कोसभरा खुर्द पेयजल योजना तथा 1 करोड़ 17 लाख रुपए की लागत से विकासखण्ड करछना के घटवा पेयजल योजना के निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित परियोजनाओं में 19.45 करोड़ रुपए की लागत से डफरिन हाॅस्पिटल इलाहाबाद में 100 शैय्यायुक्त एम0सी0एच0 विंग, 4.67 करोड़ रुपए की लागत से तहसील मेजा के अनावासीय भवन, 3.87 करोड़ रुपए की लागत से तहसील करछना के आवासीय भवन, 3.28 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित अग्निशमन केन्द्र बारा के आवासीय/अनावासीय भवन, 1.09 करोड़ रुपए की लागत से पुलिस लाइन परिसर इलाहाबाद में क्राइम ब्रान्च कार्यालय भवन, 23.66 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सिविल लाइन्स इलाहाबाद में मल्टीलेवर कार पार्किंग, 17 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित महर्षि दयानन्द मार्ग पर हरित पट्टी व एल0ई0डी0 प्रकाश व्यवस्था के साथ साइकिल ट्रैक शामिल है।
इसके अलावा, 22.18 करोड़ रुपए की लागत से अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क का आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण व सौन्दर्यीकरण, 5 करोड़ रुपए की लागत से सुमित्रा नन्दन पंत पार्क (बाल उद्यान) का आधुनिकीकरण, सौन्दर्यीकरण व औद्यानिक, 20.05 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित डिवाइन अपार्टमेण्ट, त्रिवेणीपुरम, झूंसी में मध्यम/उच्च आय वर्ग के 70 फ्लैट, 30.94 करोड़ रुपए की लागत से महात्मा गांधी मार्ग सिविल लाइन्स में पत्थर गिरजाघर से तुलसी चैराहे तक मार्ग का सुदृढ़ीकरण, सौन्दर्यीकरण व आधुनिकीकरण, 2.72 करोड़ रुपए की लागत से ग्राम बांसी, विकासखण्ड शंकरगढ़ में क्लस्टर के रूप में निर्मित 72 लोहिया आवास व अवस्थापना कार्य तथा 15 करोड़ रुपए की लागत से जनपद इलाहाबाद की 11 सड़कों का निर्माण कार्य मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित परियोजनाओं में शामिल हैं।
इस मौके पर राज्य सरकार के कई मंत्री, जनप्रतिनिधि, प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों से आए साधु-सन्त एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।