लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जगह की कमी नहीं है। किसान भी ऐसी परियोजनाओं हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं। अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति के तहत सौर ऊर्जा उत्पादित करने वाली परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
सौर ऊर्जा नीति के तहत निवेशकर्ताओं की मदद के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है, जिसका लाभ अब प्रदेश को मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विशालता तथा भौगोलिक विविधता को देखते हुए सौर ऊर्जा की सख्त आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में रिन्युबल एनर्जी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो (री-इन्वेस्ट) के तहत आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था समिति (आई0आर0ई0डी0ए0) तथा यूपीनेडा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में नवीकरण ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना तथा इसमें आ रही कठिनाइयों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, सरकार के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त निवेशकर्ताओं एवं बैंक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लोहिया ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए जा रहे आवासों पर सोलर पावर पैक की व्यवस्था की गई है, जिसमें लाभार्थी को 02 एल0ई0डी0 लाइट तथा 01 पंखे की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप आर्थिक रूप से सक्षम लोग स्वयं आगे आकर सौर ऊर्जा के उपभोग को बढ़ावा दे रहे हैं। अब कस्बों एवं गांवों में छतों के ऊपर सोलर पैनल दिखाई पड़ने लग गए हैं।
श्री यादव ने कहा कि सौर ऊर्जा के मामले में राज्य सरकार अपने स्तर से काम करने के साथ-साथ केन्द्रीय संस्थाओं को भी पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) तथा यूपीनेडा के संयुक्त उपक्रम के तहत सोलर पार्क की स्थापना के लिए जालौन, इलाहाबाद तथा मिर्जापुर में भूमि उपलब्ध कराई गई है। दुनिया में सर्वाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले देश जर्मनी की तरह भारत को भी सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। इसी प्रकार प्रदेश में नवीकरण ऊर्जा उत्पादन के मामले में बड़े पैमाने पर काम किया जाना चाहिए, क्योंकि यहां बड़ी आबादी और इसके फलस्वरूप बड़ा बाजार उपलब्ध है।
राज्य सरकार द्वारा जनपद कन्नौज के ग्राम फकीरपुर तथा चन्दुआहार में मिनी ग्रिड योजना के तहत सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने को अभिनव प्रयास बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट की व्यवस्था होने पर ऐसे अन्य गांवों में भी बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों गांवों की मिनी ग्रिड परियोजना का लोकार्पण करते हुए स्व0 डाॅ0 कलाम ने सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली उपलब्धता सुनिश्चित कराने का आग्रह किया था। श्री यादव ने कहा कि गांवों में विद्युत आपूर्ति होने से बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार होता है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस कार्यक्रम के दौरान लोगों द्वारा ठोस सुझाव दिए जाएंगे, जिससे सौर ऊर्जा उत्पादन को गति मिलेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्थानों द्वारा लगायी गयी सौर ऊर्जा प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक अभिनव प्रयोग हो रहे हैं, जो देश के अन्य किसी प्रदेश में नहीं हो रहे। वर्ष 2017 तक राज्य सरकार 500 मेगावाट सौर विद्युत उत्पादन करने हेतु तेजी से काम कर रही है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन की विशाल सम्भावना को देखते हुए वहां अधिक से अधिक सौर ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं को स्थापित कराने में मदद की जा रही है। रूफटाॅप सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लाण्ट नीति के तहत बड़े पैमाने पर सौर विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
भारत सरकार के एम0एन0आर0ई0 विभाग के संयुक्त सचिव श्री तरुण कपूर ने अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यदि भारत सरकार को वर्ष 2022 तक 01 लाख मेगावाॅट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है तो उत्तर प्रदेश को 10 हजार मेगावाॅट से अधिक सौर विद्युत उत्पादन करना होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जिस तरह से काम कर रही है निश्चित रूप से वह इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।
इससे पूर्व, कार्यक्रम में उद्देश्यों की जानकारी देते हुए अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने विभाग के बजट को तीन गुना कर दिया है। उन्होंने सौर ऊर्जा को लेकर मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत रुचि का हवाला देते हुए कहा कि दूर-दराज के गांवों के लिए मिनी ग्रिड योजना, लोहिया आवास में सोलर पावर पैक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट एवं स्कूलों में सोलर आर0ओ0 जैसी योजनाएं उनकी देन है। राज्य सरकार ने विभाग की वेबसाइट पर बायोमास पाॅलिसी का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए डाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बायोमास के माध्यम से विद्युत उत्पादन की काफी सम्भावनाएं हंै।