लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने दीपावली त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हर स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने तथा असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगाह रखने के भी निर्देश दिए हैं
ताकि ये तत्व सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने में सफल न होने पाए। उन्होंने इस अवसर पर यातायात व्यवस्था ठीक रखने तथा पर्याप्त विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने दीपावली त्यौहार के लिए पटाखों के निर्माण, उनके परिवहन एवं बिक्री व्यवस्था के सम्बन्ध में कहा कि पटाखों की बिक्री की व्यवस्था खुले स्थान पर भीड़-भाड़ से दूर की जाए, जिससे कि किसी दुर्घटना की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई करने में असुविधा न हो। पटाखों द्वारा पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कम से कम एवं निर्धारित समय तक ही पटाखों के प्रयोग की अपील भी लोगों से की है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भी सतर्कता बरती जाए क्योंकि पटाखों का प्रयोग करते समय कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता भी पड़ती है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आतिशबाजी, पटाखों से स्वस्थ जीवन हेतु पर्यावरण संतुलन को क्षति होती है और आग लगने का खतरा बढ़ता है। विषाक्त गैसों जैसे-सल्फर डाई आॅक्साइड एवं कार्बन डाई आॅक्साइड आदि के उत्सर्जन से विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आतिशबाजी प्रयोग अवधि में दुर्घटनाओं में वृद्धि के कारण जन-धन की हानि के अलावा, राहत/बचाव एवं चिकित्सा सम्बन्धी कार्यों की वृद्धि से नियमित जीवन एवं आय-व्यय में असंतुलन उत्पन्न होता है।
प्रवक्ता ने कहा कि पटाखे सदैव भवन के बाहर खुले स्थान में ही छुड़ाए जाएं। पटाखे चुस्त कपड़े पहनकर और हमेशा बड़ों की देख-रेख में ही बच्चों को छुड़ाने दें और नायलान के कपड़े न पहनें। पटाखे छुड़ाते समय दो बाल्टी पानी सुरक्षा हेतु अवश्य रखें। कपड़ों में आग लगने पर आग बुझाने के लिए मोटा कपड़ा, पर्दा, कम्बल आदि को लपेटा जा सकता है। आग से जलने की दशा में ठण्डे पानी का प्रयोग किया जाए तथा चिकित्सक की सलाह ली जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि अधजले पटाखों के करीब न जाएं और न ही उन्हें दोबारा छुड़ाने की कोशिश करें। पटाखों को माचिस से न जलाकर अगरबत्ती या किसी अन्य सुरक्षित विधि द्वारा दूर से जलाएं। तेज हवा चलने पर अथवा पेड़, छज्जा आदि के नीचे राकेट न चलाएं। ज्वलनशील सामग्री के पास पूजन हेतु दीया, अगरबत्ती, झालर आदि न जलाएं। ज्वलनशील भण्डार गृहों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों के आस-पास पटाखे न छुड़ाएं। पटाखों को किसी व्यक्ति अथवा जानवर के ऊपर न फेंके। इसके अलावा, यात्रा के दौरान पटाखों को लेकर न चलें। रात्रि 10 बजे के बाद पटाखे न छुड़ाएं।