लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस राज्यव्यापी डायल-100 परियोजना घटनाओं में पुलिस के रिस्पाॅन्स टाइम को
कम करने के लिए शुरू की जा रही है। दुनिया में कई अन्य जगहों पर ऐसी व्यवस्था है, लेकिन कहीं भी यह व्यवस्था इतने बड़े पैमाने पर नहीं है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश में यह परियोजना एक उदाहरण के तौर पर देखी जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां गोमती नगर विस्तार में उत्तर प्रदेश पुलिस राज्यव्यापी डायल-100 परियोजना भवन का शिलान्यास करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डायल-100 परियोजना को लागू करने के लिए देश-विदेश में संचालित ऐसी परियोजनाओं के अनुभवों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डायल-100 परियोजना संचालित होने से प्रदेश की जनता में सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ेगा।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस पर बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही, चुनौतियां भी बड़ी हैं। क्योंकि आधुनिक तकनीक और संचार साधनों के चलते अपराध के तरीके भी बदल गए हैं। इसका मुकाबला अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों को अपनाकर ही किया जा सकता है। समाज में सभी लोग चाहते हैं कि अपराध और बुरा काम करने वाले लोग जेल जाएं, इसके लिए पुलिस को उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं पर ध्यान देना होगा।
समाजवादी सरकार ने राज्य में पुलिस व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गम्भीर प्रयास किए हैं। पुलिस को अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त किया गया है। पुलिस कर्मियों की बड़े पैमाने पर प्रोन्नतियां की गई हैं। आवश्यकतानुरूप और शीघ्रता से पुलिस बल की भर्ती के लिए पहले की जटिल भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अब पुलिस की भर्ती 10वीं और 12वीं के अंकों और फिजिकल परीक्षा के आधार पर होगी। उन्होंने कहा कि मुश्किल भर्ती प्रक्रिया के बजाय पुलिस को अच्छी ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है। क्योंकि अच्छी ट्रेनिंग से ही अच्छा काम करने की क्षमता पैदा होती है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने प्रदेश की तरक्की और खुशहाली के लिए कई नयी योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की हैं। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है। निवेशक अब राज्य में निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं। राज्य की जी0डी0पी0 में भी वृद्धि हुई है। विभिन्न मंचों पर प्रदेश सरकार को सराहा भी गया है।
प्रदेश की खुशहाली और विकास के लिए समाजवादी सरकार लगातार बेहतर प्रयास कर रही है। कामधेनु डेयरी योजना, ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा, ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस, समाजवादी पेंशन योजना, अक्षयपात्र संस्था के माध्यम से स्कूलों में भोजन की उपलब्धता, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना जैसी अनेक योजनाएं इस उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं।
देश का सबसे लम्बा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे राज्य सरकार अपने संसाधनों से बनवा रही है। कोई भी अन्य सरकार अपने संसाधनों से इतनी बड़ी सड़क नहीं बनवा रही है। एक्सप्रेस-वे पर मण्डियां बनायी जाएंगी। मण्डियों के माध्यम से किसान की उपज तेजी से बाजार में पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को सुविधा मिलेगी, तभी महंगाई कम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना सहित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, ट्रिपल आई0टी0, आई0टी0 सिटी, कैंसर इंस्टीट्यूट जैसी अनेक परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। आज दुनिया भर में पर्यावरण की शुद्धता को लेकर चर्चा है। लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र जैसे हरे-भरे पार्क समाजवादी सरकार द्वारा विकसित किए गए हैं, जो आॅक्सीजन लेने के लिए अच्छे स्थान हैं। जनता की सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा साइकिल ट्रैक का निर्माण तथा साइकिल चालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि डायल-100 परियोजना सभी तरह की आपातकालीन स्थितियों से निपटने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि संचालित होने के बाद डायल-100 परियोजना भी ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा की भांति जनता के लिए फायदेमंद साबित होगी।
गृह विभाग के सलाहकर श्री वेंकट चंगावली ने इस अवसर पर कहा कि डायल-100 एक बड़ी परियोजना है। पूरे राज्य में काम करने वाला इस तरह का नेटवर्क पहली बार उत्तर प्रदेश में बन रहा है। उन्होंने कहा कि 10-15 मिनट में घटना स्थल पर पुलिस का पहुंचना किसी भी अच्छे राज्य की पहचान है।
प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा ने अपने सम्बोधन में प्रदेश के पुलिस बल को आधुनिक, उन्नत और उत्कृष्ट बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों का ब्यौरा दिया। पुलिस महानिदेशक श्री जगमोहन यादव ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए डायल-100 परियोजना की विशेषताओं से परिचित कराया। कार्यक्रम को कारागार मंत्री श्री बलवंत सिंह रामूवालिया, बेसिक शिक्षा मंत्री श्री अहमद हसन ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान सी0एम0एस0 गोमतीनगर द्वितीय कैम्पस की छात्राओं तथा भारतेन्दु नाट्य अकादमी के रंगमण्डल के कलाकारों ने डायल-100 परियोजना की विशेषताओं को नृत्य एवं नाटिका के माध्यम से दर्शाया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती सैयदा शादाब फातिमा, कारागार राज्य मंत्री श्री रामपाल राजवंशी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल सहित शासन-प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में ‘डायल 100’ बेहद महत्वपूर्ण कोशिश है। इसकी मदद से राज्य में कहीं भी, किसी भी समय, सभी नागरिकों को सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए कम से कम समय में आपातकालीन सेवा मुहैया करायी जा सकेगी। ‘डायल 100’ के जरिए घटना स्थल पर पुलिस बल के रिस्पाॅन्स टाइम को कम से कम करने की कोशिश की गयी है। ‘100’ नम्बर डायल करने पर शहरी क्षेत्रों में दो पहिया वाहन के पुलिस बल के लिए रिस्पाॅन्स टाइम 10 मिनट तथा चार पहिया वाहन के पुलिस बल के लिए 15 मिनट के रिस्पाॅन्स टाइम का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार ग्रामीण इलाकों में चार पहिया पुलिस बल के लिए रिस्पाॅन्स टाइम का लक्ष्य 20 मिनट रखा गया है। ये पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंचकर पीडि़त को आकस्मिक सहायता उपलब्ध कराएंगे तथा स्थानीय पुलिस के पहुंचने पर मामला उसे सौंप देंगे।
कुल 2325.33 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के तहत लखनऊ में राज्यस्तरीय केन्द्रीय मास्टर कोआॅर्डिनेटर सेण्टर के रूप में एक काफी बड़े ‘काॅन्टैक्ट सेण्टर’ की स्थापना की जाएगी। राज्य के किसी भी क्षेत्र से 100 नम्बर डायल करने पर टेलीफोन सीधे इस केन्द्र को प्राप्त होगा। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से कोई भी व्यक्ति अपनी समस्याएं इस सेण्टर में न केवल टेलीफोन के माध्यम से, बल्कि एस0एम0एस0, ई-मेल, सोशल मीडिया जैसे अन्य अन्य संचार माध्यमों से भी भेज सकेंगे। इस परियोजना के जरिए पूरे प्रदेश में तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाने के लिए 4 हजार 800 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इनमें से 1600 दो पहिया पैट्रोल वाहन और 3200 चार पहिया वाहन हैं। सभी वाहनों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। प्रत्येक वाहन पर दो पुलिसकर्मियों की दो शिफ्टों में ड्यूटी लगायी जाएगी। ये सभी वाहन आबादी, शहरी और ग्रामीण इलाके, भौगोलिक क्षेत्रफल आदि के आधार पर प्रदेश के सभी जिलों में स्थानीय जरूरतों के अनुसार अपने लिये निर्धारित मार्ग पर पेट्रोलिंग करेंगे तथा प्रत्येक वाहन की वास्तविक भौगोलिक स्थिति की जानकारी वाहन में लगाये गये जी0पी0एस0 उपकरण के माध्यम से मुख्य केन्द्र को प्राप्त होती रहेगी। किसी भी आकस्मिकता की सूचना प्राप्त होने पर ‘डायल 100’ सेण्टर से घटना स्थल के सबसे करीबी पैट्रोल वाहनों को तत्काल सहायता के लिए घटना स्थल पर भेजा जाएगा।
जनता की बेहतर सुरक्षा के लिए फायर सर्विस, राजमार्ग पुलिस, एकीकृत यातायात प्रबन्ध, स्मार्ट सिटी सर्विलान्स, महिला पावर लाइन जैसी अन्य योजनाओं को भी इस परियोजना के केन्द्र से जोड़ा जाएगा। ‘डायल 100’ लगातार चैबीसों घण्टे कार्य करेगा। ‘डायल 100’ पर हिन्दी, अंग्रेजी के साथ-साथ राज्य में बोली जाने वाली सभी आंचलिक भाषाओं तथा चिन्हित भाषाओं में बातचीत की जा सकेगी। साथ ही, विकलांग जन के लिए भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि वे इस केन्द्र में अपनी समस्या को सहज रूप से दर्ज करा सकें। ‘डायल 100’ पर फोन करने वाले व्यक्ति से मदद के बाद उसका फीडबैक भी लिया जाएगा। पीडि़त के सन्तुष्ट होने के बाद ही सेण्टर द्वारा मामले को बन्द किया जाएगा।
लखनऊ में बनाये जा रहे मुख्य केन्द्र की तरह जनपद आगरा तथा वाराणसी में भी 2 उपकेन्द्र बनाये जाएंगे। लखनऊ केन्द्र की सेवाओं में किसी तरह की दिक्कत होने पर या क्षमता से अधिक टेलीफोन काॅल आने की स्थिति में ये उपकेन्द्र अपने-आप काम करेंगे। मुख्य केन्द्र की तरह ये उपकेन्द्र भी चैबीसों घण्टे लगातार कार्य करते रहेंगे। ‘डायल 100’ परियोजना के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी ‘डायल 100’ परियोजना के तहत स्थापित केन्द्र में की जाएगी। नागरिकों को लगातार बेहतर और उच्च कोटि की सेवाएं मुहैया कराने के लिए केन्द्र पर इकट्ठा होने वाले आकड़ों के विश्लेषण और अनुसंधान के लिए भी एक सेण्टर बनाया जाएगा।