लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों के कल्याण के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की समाजवादी सरकार द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को पहले ही 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये प्रति कर्मी किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2014-15 में कर्तव्यपालन के दौरान मारे गये एवं घायल हुए पुलिस एवं अग्निशमन सेवा के 103 कर्मियों के आश्रितों को 11 करोड़ 99 लाख 70 हजार रुपये की अनुग्रह धनराशि प्रदान की गयी है, जबकि वर्ष 2015-16 में अभी तक 83 पुलिसकर्मियों के आश्रितों को 11 करोड़ 95 लाख 20 हजार रुपये की अनुग्रह धनराशि दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने ये विचार आज यहां पुलिस लाइन मंे पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों को अपनी श्रद्धांजलि देने के उपरान्त व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विभिन्न मदों में लगभग 4 करोड़ 60 लाख रुपये की धनराशि सेवारत एवं रिटायर्ड पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए मंजूर की गयी है। साथ ही, ड्यूटी के दौरान मृत्यु के मामलों में असाधारण पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया मंे तेजी और सरलता के लिए नयी नियमावली बनायी गयी है।
श्री यादव ने कहा कि ड्यूटी के प्रति समर्पित पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने एवं उनका हौसला बढ़ाने के लिए इस साल 100 पुलिसकर्मियों को ‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’ तथा 400 पुलिसकर्मियों को ‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’ प्रदान किया गया है। पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए इसी वर्ष से पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिन्ह की व्यवस्था भी शुरू की गयी है। इसके तहत, 95 राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मियों को सम्मानित किया गया है। पुलिस कर्मियों में उत्साह बनाये रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें सेवा सम्बन्धी तमाम लाभ मुहैया कराने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विशेष अभियान चलाकर, लगभग 34 हजार अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को विभिन्न पदों पर प्रोन्नति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के मुख्य आरक्षियों, उपनिरीक्षकों तथा निरीक्षकों के उपलब्ध पदों को बढ़ाते हुए इन्हें क्रमशः 60 हजार, 40 हजार तथा 5 हजार किया जाएगा। इस बढ़ोत्तरी के फलस्वरूप कुल 30 हजार 575 कर्मियों को प्रमोशन के नये अवसर मिलेंगे। पुलिस बल में आरक्षी एवं समकक्ष पदों पर 38 हजार 315 तथा सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमाण्डर के 3 हजार 784 पदों एवं कम्प्यूटर आॅपरेटर के 666 पदों की सीधी भर्ती करायी गयी है।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए 2 हजार 064 सब इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। साथ ही, पुलिस विभाग के विभिन्न कैडरों की 16 सेवा नियमावलियों की समीक्षा कर भर्ती और प्रमोशन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। यही नहीं, आउट आॅफ टर्न प्रमोशन पाने वाले पुलिस कर्मियों की वरिष्ठता, प्रमोशन की तारीख से ही तय किए जाने के आदेश भी जारी किए गये हैं। एस0टी0एफ0 तथा ए0टी0एस0 जैसे संगठनों में काम करने वाले पुलिस कर्मियों का प्रोत्साहन भत्ता, उनके मूल वेतन का 30 प्रतिशत कर दिया गया है। 252 रैंकर उपनिरीक्षकों के लिए अधिसंख्य पदों का सृजन करते हुए उन्हें टेªनिंग पर भेजे जाने का आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर और बड़े आवासीय भवनों के लिए नए डिजाइन को मंजूरी दी गई है। नए डिजाइन के अनुरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 जिलों में 2 हजार आवासीय भवन बनाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में भी 2 हजार आवासीय इकाइयां बनाने का काम शुरू किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश की राजधानी में पुलिस मुख्यालय की सिग्नेचर बिल्डिंग का निर्माण भी जल्द शुरू हो जाएगा। इस इमारत पर लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में पुलिस की बेहद महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका होती है। इसके मद्देनजर वर्तमान सरकार पुलिस को सुदृढ़ करने के लिए लगातार काम कर रही है। प्रदेश में कुल 13 नये थानों की स्थापना की गयी है। पुलिस विभाग को 46 भारी वाहन, 2 हजार 608 हल्के 4-पहिया वाहन, 665 मोटर साइकिलें उपलब्ध करायी गयी हैं। इन वाहनों को चलाने के लिए आरक्षी चालकों के 4 हजार 403 पदों की मंजूरी भी दी गयी है। इससे प्रदेश के सभी थानों पर दो-दो वाहन उपलब्ध होंगे तथा पुलिस व्यवस्था और भी प्रभावी होगी।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस रिस्पाॅन्स टाइम को कम करने के लिए जनपद कानपुर नगर, गाजियाबाद एवं लखनऊ में अत्याधुनिक पुलिस कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है। इसके साथ ही, एकीकृत यातायात प्रबन्धन प्रणाली, स्मार्ट सिटी सर्विलान्स परियोजनाओं को राज्य स्तरीय डायल ‘100’ परियोजना के साथ एकीकृत करने की कार्यवाही चल रही है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप राज्यस्तरीय डायल ‘100’ परियोजना का आधुनिक कन्ट्रोल रूम शुरू कर दिया जाए। इससे न केवल पुलिस रिस्पाॅन्स टाइम में सुधार होगा बल्कि घटना स्थलों पर पुलिस के शीघ्र पहुंचने से आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश हाइवे पेट्रोल परियोजना पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत महानगरों के प्रमुख चैराहों पर यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में जनपद लखनऊ में यह व्यवस्था लागू की गयी है। आगरा, वाराणसी तथा गौतमबुद्ध नगर जिलांे में भी सर्विलान्स तथा ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम की स्थापना करायी जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए ‘1090’ विमेन पावर लाइन आई0जी0 स्तर के अधिकारी के सुपर विजन में संचालित है। इसके अलावा, पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के सुपर विजन में, महिलाओं की समस्याओं के तेजी से निस्तारण के लिए महिला सम्मान प्रकोष्ठ की स्थापना भी की गयी है। आपराधिक घटनाओं की विवेचना और खुलासा करने के लिए फाॅरेन्सिक लैब्स को विस्तारित और सुदृढ़ करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत प्रदेश के सभी 18 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर आधुनिकतम सुविधाओं एवं उपकरणों से लैस प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में गाजियाबाद तथा कन्नौज में फाॅरेन्सिक लैब्स स्थापित की जा रही हैं। इसके साथ ही, 8 जोनल मुख्यालयों के लिए मोबाइल फोरेंसिक लैब उपलब्ध करायी गयी है। बाकी जिलों में भी इन वाहनों को उपलब्ध कराने का काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी अपराधी के खिलाफ, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, पुलिस पूरी ईमानदारी से सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करे, जिससे प्रदेश में शान्ति और सुरक्षा का माहौल कायम रहे। उन्होंने कहा कि आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में अपराध की किस्में भी बदल रही हैं। इससे पुलिस के सामने लगातार नई-नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। खास तौर पर आर्थिक अपराधों के मामलांे में लगातार नए आयाम जुड़ रहे हैं। इण्टरनेट क्राइम, साइबर क्राइम जैसे अपराधों के नए तौर-तरीके अपराधियों द्वारा ढूंढे़ जा रहे हैं। ऐसे में, पुलिस को भी आधुनिक तकनीक की जानकारी देकर सक्षम तथा प्रभावी बनाने की जरूरत है, ताकि ऐसे अपराधों को तेजी से रोका जा सके।
श्री यादव ने भरोसा जताया कि आने वाले दिनों में प्रदेश पुलिस का एक नया और आधुनिक रूप देखने को मिलेगा। जिससे जनता में पुलिस व सरकार के प्रति विश्वास की भावना बढ़ेगी। साथ ही, पुलिसकर्मियों को भी काम करने का बेहतर माहौल मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश पुलिस बल से पूरी ईमानदारी, कानून के प्रति निष्ठा, कर्तव्यपरायणता तथा जन सेवा की भावना से काम करने का आह्वान भी किया, जिससे जनता के मन में सुरक्षा की भावना कायम रहे।
इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पहुंचने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस परेड की सलामी ली। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करने के बाद उन्होंने शहीदों की स्मृति में निर्मित स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद उन्हें नमन भी किया। तत्पश्चात् उन्होंने शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया और उन्हें सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश मंत्रिमण्डल के सदस्यगणों के अलावा मुख्य सचिव
श्री आलोक रंजन, प्रमुख गृह श्री देबाशीष पाण्डा, डी0जी0पी0 श्री जगमोहन यादव सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण तथा सेवानिवृृत्त पुलिस अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।