लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि डायल-100 योजना प्रदेश के लिए सक्सेज़ स्टोरी सिद्ध होगी। इस व्यवस्था के लागू होने से पुलिस के मौके पर न पहुंचने, एफ0आई0आर0 दर्ज न करने तथा जनता से अच्छा व्यवहार न करने की शिकायत का समाधान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डायल-100 के माध्यम से सूचना मिलने पर पुलिस को शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 20 मिनट में मौके पर पहुंचना होगा। इस योजना के लिए आवश्यक प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही, पुलिस बल को पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों एवं शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘1090’ विमेन पावर लाइन योजना को भी पुलिस लागू कर रही है, जिसके माध्यम से अब तक 03 लाख से अधिक महिलाएं एवं छात्राएं राहत प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जेलों में अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए इनके सिस्टम को फूलप्रूफ करने की आवश्यकता है। पुलिस अधिकारियों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यदि पुलिस कार्मिकों ने इस सेवा को अंगीकार करते हुए वर्दी पहनी है तो उसके अनुरूप उन्हें आचरण भी करना होगा।
मुख्यमंत्री ने फील्ड के अधिकारियों को सतर्क रहकर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि आने वाले त्योहारों एवं विधान सभा चुनाव के मद्देनजर पर्याप्त तैयारी की जानी चाहिए। फील्ड में होने वाली घटनाओं पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को मौके पर पहुंचना चाहिए। इस मामले में अधिकारियों की लापरवाही एवं निष्क्रियता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दादरी की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि उस घटना के तत्काल बाद जनपद के अधिकारियों की सक्रियता से गलत लोगों को मौके का फायदा उठाने का अवसर नहीं मिला।
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि उन्हें बिना किसी भेदभाव एवं दबाव में आए तेजी से निष्पक्ष कार्यवाही करनी होगी। उन्होंने जमीन पर अवैध कब्जों के मामले में तत्परता से कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारियों की तात्कालिक कार्यवाही से कानून-व्यवस्था को लेकर लोगों की धारणा में सुधार होगा, जिसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को जनता एवं जनप्रतिनिधियों से अच्छा व्यवहार करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि प्रदेश का मुख्यमंत्री आम जनता से अच्छा व्यवहार कर सकता है तो अधिकारी क्यों नहीं। उन्हें भी अपने मुख्यमंत्री की तर्ज पर ही आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए, उन्हें राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए।
प्रदेश में अब तक हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि पिछले चार साल में विकास परियोजनाओं को लेकर राज्य की जनता के साथ-साथ देश एवं विदेश में भी लोगों की धारणा में सकारात्मक परिवर्तन आया है। अब लोग अनुभव करने लगे हैं कि समाजवादी सरकार विकास परियोजनाओं को निर्धारित समय से भी कम समय में पूरा करने में सक्षम है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में उद्योगपतियों सहित समाज के सभी वर्गों में यही धारणा थी कि समाजवादी सरकार ऐसी परियोजना को क्रियान्वित कर पाने में सक्षम नहीं है, लेकिन अधिकारियों एवं किसानों के सहयोग से राज्य सरकार ने इस परियोजना को मात्र 22 माह में पूरा करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस परियोजना के लिए सरकार ने किसानों को चार गुना मुआवजा देकर उन्हें भी आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने का काम किया। इसी प्रकार लखनऊ तथा गाजियाबाद में मेट्रो रेल निर्माण की परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। अब कानपुर, वाराणसी एवं इलाहाबाद सहित कई अन्य नगरों में मेट्रो रेल परियोजना को धरातल पर उतारने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 माह में गंगा, यमुना जैसी कई बड़ी नदियों के साथ-साथ रेलवे क्राॅसिंग पर पुल/आर0ओ0बी0 बनाकर राज्य सरकार ने यातायात को सुगम एवं तेज करने का काम किया है। दुनिया में सर्वाधिक निःशुल्क लैपटाॅप वितरित करके डिजिटल लोकतंत्र लाने का भी काम किया गया है। उन्होंने परियोजनाओं में अपनायी जा रही पारदर्शिता का उल्लेख करते हुए कहा कि लैपटाॅप की गुणवत्ता पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका। इसी प्रकार समाजवादी पेंशन योजना में तकनीक का प्रयोग करते हुए इस योजना को बिचैलियों से बचाने का काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने अधिकारियों को हमेशा ‘लुक फाॅर बेस्ट’ के लिए प्रेरित करते हुए काम करने की पूरी छूट प्रदान की है। केवल उन्हीं अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है, जिन्होंने अपने दायित्वों का गम्भीरतापूर्वक निर्वहन नहीं किया। परियोजनाओं को भविष्य की जरूरत के अनुरूप विश्वस्तरीय बनाने के लिए आवश्यकतानुसार विदेशों में भी बेस्ट प्रैक्टिसेज़ को जानने एवं समझने के लिए अधिकारियों को भेजा गया। तकनीक एवं सूचना क्रांति की वजह से समाज में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इसलिए अधिकारियों को बदलते परिवेश और जरूरत के हिसाब से अपने को बदलने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था को इस हद तक सुधारने का प्रयास करेंगे कि पुलिसिंग को लेकर लोगों की धारणा में सकारात्मक परिवर्तन आए और जिस प्रकार से प्रदेश के विकास कार्यों की प्रशंसा हो रही है, उसी तरह से यहां की कानून-व्यवस्था की भी प्रशंसा हो।
इससे पूर्व, मुख्य सचिव श्री दीपक सिंघल ने कहा कि पहली बार कानून-व्यवस्था जैसे एकल एजेण्डे पर बैठक बुलायी गयी है। इससे सरकार की प्राथमिकता का आकलन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनपदीय अधिकारियों को आपस में तालमेल बनाते हुए कार्य करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे जनता में भरोसा बढ़े।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार श्री आलोक रंजन ने कहा कि अपराधियों के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस पर काम होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र वाजपेयी ने कहा कि विकास कार्यों की गति को बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में पहली बार राज्य की विकास दर 07 फीसदी से अधिक हुई है।
इस मौके पर प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा तथा पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद ने भी अधिकारियों को सम्बोधित किया।