देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि समाधान योजना के तहत विभाग द्वारा निस्तारित शिकायतों की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी से भी करायी जाए, ताकि शिकायत निवारण की वास्तविकता ज्ञात हो सकें। उन्होंने जिलाधिकारियांे से स्वयं भी 20 प्रतिशत मामलों का अनुश्रवण करने के साथ ही शिकायतकर्ता से स्वयं बात करने के निर्देश दिये। प्राप्त शिकायतो का समयबद्धता के साथ निराकरण हो तथा शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से संतुष्ट हो तभी इस योजना की सार्थकता है।
इसे संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें तथा इसे गम्भीरता से लें। शुक्रवार को सचिवालय में जन समस्या समाधान के तहत जनपद एवं शासनस्तर पर प्राप्त शिकायतों का अनुश्रवण एवं शिकायतकर्ताओं से वीडियों कांफ्रेंसिंग व दूरभाष पर वार्ता करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि जन सुविधाओं के विकास एवं समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदार तंत्र को कैसे ठीक किया जाए, इसे उच्चाधिकारी देखे। इस योजना का मकसद ही यह है कि शिकायतकर्ता संतुष्ट है या नही। चन्द्र प्रताप पत्नी स्व. पीताम्बर प्रताप बागेश्वर व नरेन्द्र सिंह सेवानिवृत्त डीएफओ देहरादून की जी.पी.एफ के भुगतान न होने की शिकायत पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि कार्मिको की सेवानिवृत्ति के बाद उनके देयो का तुरन्त भुगतान हो जाए, यह व्यवस्था सुनिश्चित हों। उन्होंने इस संबंध में महालेखाकार से भी फोन पर वार्ता कर कार्मिको के 10 प्रतिशत अवशेष जी.पी.एफ भुगतान के प्रकरणों पर शीघ्रता से निस्तारण की अपेक्षा की।
हरिद्वार के किरन शर्मा की शिकायत पर कि हरिद्वार विकास प्राधिकरण द्वारा दो काॅलोनियों के भू-उपयोग परिवर्तन में गलतियां की गई है, सचिव नगर विकास को इस प्रकरण की दूरी जांच कर आख्या देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। देहरादून के एसएनएच रिजवी की जीजीआईसी लक्खीबाग में लडकियों को साइकिल वितरण में की गई गडबडी की जांच के निर्देश भी उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून एवं सचिव शिक्षा को दिए। वीरेन्द्र सिंह पौड़ी गढ़वाल की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने 15 दिन में सड़क का मुआवजा कास्तकारों को देने के निर्देश दिए। देहरादून की शहना बानों की शिकायत पर उन्होंने सहसपुर के हाथी वार्ड में 15 दिन में हेण्डपंप लगाने के निर्देश दिए। समाधान योजना के अधीन आयोजित वीडियों कांफ्रंेसिंग में उत्तरकाशी के आयुष कुमार ने ड्राईविंग लाइसेंस न बनने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने शपथ पत्र के आधार पर लाईसेंस बनाने के निर्देश दिए। महेश शर्मा देहरादून की शिकायत पर उन्होंने वाणिज्य कर फार्म 16 में संबंधित फर्म द्वारा की गई गड़बडी की जांच सीबीसीआईडी से कराने व व्यापार कर आयुक्त को आख्या देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी शिकायतकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से दूरभाष पर उनकी समस्याएं सुनी तथा उनके निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कार्मिकों के सेवानिवृत्ति देयों को समय पर भुगतान न करना मानसिक उत्पीडन माना जाएगा, ऐसे मामलो में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
सचिव सुराज एवं भ्रष्टाचार निवारण मो. शाहिद ने प्राप्त शिकायतों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्हेांने समाधान योजना के साफ्टवेयर कि द्वितीय चरण के लिए प्राविधानिक बिन्दुओं में सभी जिलाधिकारियों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर प्राप्त शिकायतों को आनलाइन संबंधित विभागों को उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी जिलाधिकारियों को आगामी मानसून को दृष्टिगत रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के प्रति भी सजग रहने तथा किसी भी आपदा की स्थिति के लिए हर समय तैयार रहने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि ’मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ’ योजना के तहत तीर्थ यात्रा में आने वाले बुजुर्गं तीर्थ यात्रियों को पूरी सहूलियत दी जाए। उपजिलाधिकारियों को इन यात्रियों को तीर्थ स्थल तक ले जाने की जिम्मेदारी दी जाए। अधिक से अधिक बुजुर्गं इस सुविधा का लाभ ले इसके लिए निर्धारित लक्ष्य को और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि विधवा व परित्यक्ता महिला पेंशन मामलों में स्वप्रमाणित घोषणा को मान्य माना जाए।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, अपर मुख्य सचिव एस. राजू, प्रमुख सचिव एस.रामास्वामी, राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सचिव उमाकांत पंवार, विनोद फोनिया, एम.सी.जोशी, पी.एस.जंगपांगी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।