हरिद्वारा/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रजवाड़ा फार्म रूड़की में क्षत्रिय महासभा सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि क्षत्रिय जाति की सबसे बडी पहचान तब है, जब हम दूसरों के अत्याचार से स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें तथा कोई साम्प्रदायिक हिसा न हो। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज का सबसे बड़ा कर्तव्य समाज को जोड़कर चलना है।
अपने कर्तव्यों को पूर्णतः निर्वहन करने के लिए हमें कर्मशील होना आवश्यक है और अब बौद्धिक शक्ति का समय आ गया है इसलिए हमारा पहला कर्तव्य सबको शिक्षित करना है। मुख्यमत्री श्री रावत ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि आॅल इण्डिया क्षत्रिय फेडरेशन सबको जोड़ने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्षत्रिय वो है जो संकट के समय पर उभर कर सामने आये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के इतिहास में अनेक क्षत्रिय योद्धाओं ने अपने पराक्रम के बल पर इस देश को आजाद कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने इस सम्मेलन में शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कहा कि समय की मांग है कि सभी को शिक्षा का पूर्ण अवसर दें। हम शिक्षा के माध्यम से ही आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज, अपने बुद्धि, विवेक एवं श्रम से समाज को आगे बढ़ाने में योगदान देगा ।