लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव कल 19 मई, 2015 को जनपद झांसी में एरच बांध परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा। यह परियोजना बेतवा नदी पर पारीछा बांध से लगभग 40 किमी0 डाउन स्ट्रीम में जनपद झांसी के जुझारपुरा गाॅव के निकट स्थापित की जा रही है।
परियोजना पर कुल 612 करोड़ रुपए की लागत आएगी। परियोजना के निर्माण से कोई गाँव विस्थापित नहीं होगा। परियोजना को मार्च, 2018 तक पूरा कराये जाने की योजना है।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि परियोजना के तहत बेतवा नदी पर 19 मीटर ऊँचा बांध बनाते हुए 62 एम0सी0एम0 पानी का भण्डारण किया जाएगा। बांध की उपयोगी भण्डारण क्षमता 56.25 एम0सी0एम0 में से 29.89 एम0सी0एम0 पानी पेयजल के लिए, 9.55 एम0सी0एम0 पानी नहरों द्वारा 1850 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए तथा 16.81 एम0सी0एम0 पानी नदी के किनारे की असिंचित कृषि भूमि में माइक्रो इरीगेशन के नए प्रयोग हेतु इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा नदी के डाउन स्ट्रीम में दो विद्युत संयंत्र इकाईयों की स्थापना करके 1.8 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इस बहुउद्देश्यीय परियोजना से ब्लाक बामौर के 101 गाँव, ब्लाक गुरसराय के 93 गाँव, ब्लाक बड़ागाँव के 64 गाँव, ब्लाक चिरगाँव के 86 गाँव एवं ब्लाक मौठ के 34 गाँवों सहित कुल 378 गाँवों में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही, परियोजना के बायें किनारे एवं झांसी-कानपुर हाइवे के बीच भूमि पर, अनाज, फल एवं सब्जियां उगाने के लिए 10-10 एकड़ के तीन फार्म भी विकसित किये जाएंगे। इजराइल की तर्ज पर विकसित किए जाने वाले इन फार्म के जरिए किसानों को नयी तकनीकी के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। इसके अलावा अतिरिक्त भूमि पर पर्यटन स्थल का विकास एवं एक विश्वविद्यालय के निर्माण की भी योजना है। परियोजना के निर्माण एवं भराव क्षेत्र से 55 हेक्टेयर भूमि एवं 39 हेक्टेयर सामाजिक वन भूमि प्रभावित होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग के आकड़ों के अनुसार 15 जून से 15 अक्टूबर के मध्य 90 प्रतिशत निर्भरता के आधार पर बेतवा नदी का 1127.87 एम0सी0एम0 पानी निरर्थक बह जाता है। इस परियोजना के द्वारा इस पानी के कुछ अंश का सदुपयोग किया जा सकेगा।