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मुख्यमंत्री ने शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं संस्कृत विद्वानों को सम्मानित किया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी किसी भी क्षेत्र में अच्छा काम करने वालों को सदैव सम्मानित व प्रोत्साहित करने का काम करते हैं। समाजवादी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा बंद किए गए विभिन्न सम्मानों को दोबारा शुरू कराने के साथ ही कई नये पुरस्कार तथा सम्मान शुरू किए हैं। साथ ही, विभिन्न सम्मानों की पुरस्कार राशि में काफी बढ़ोत्तरी भी की है। उन्होंने कहा है कि सम्मान व पुरस्कार से समाज के अन्य लोगों को भी कठिन परिश्रम और सतत् प्रयास की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भाषा विज्ञान के तत्वावधान में आयोजित शिक्षक, वैज्ञानिक एवं विद्वत सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के कुल 56 महानुभावों को सम्मानित किया। इनमें शिक्षक, वैज्ञानिक व संस्कृत भाषा के विद्वान शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से 05 महानुभावों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से 29 हस्तियों तथा भाषा विभाग की तरफ से 22 महानुभावों को सम्मानित किया गया।
पुरस्कृत लोगों को बधाई देते हुए श्री यादव ने कहा कि इन महानुभावों की कठिन मेहनत और सतत् प्रयास का लाभ समाज को मिला है। उन्होंने भरोसा जताया कि सम्मानित जन की उपलब्धियों से समाज के अन्य लोग भी प्रेरणा ग्रहण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली प्रदेश सरकार द्वारा बंद किए गए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के विभिन्न सम्मानों को समाजवादी सरकार ने दोबारा शुरू कराया। इसी प्रकार उर्दू व संस्कृत से जुड़े पुरस्कारों को भी शुरू किया गया। नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू किया गया यश भारती पुरस्कार भी पिछली राज्य सरकार ने बंद कर दिया था। इस प्रतिष्ठित सम्मान को भी वर्तमान समाजवादी सरकार ने फिर से शुरू किया। समाजवादी सरकार ने महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रारम्भ किया। यह पुरस्कार महिला प्रधानों, बहादुरी तथा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को दिया जाता है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं व बालिकाओं के लिए इस तरह का सम्मान शुरू किया गया है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने तत्कालीन केन्द्र सरकार की मांग पर एम्स की स्थापना के लिए रायबरेली में सड़क के किनारे कीमती जमीन मुहैया करायी। जबकि राज्य की पिछली सरकार ने इस एम्स के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करायी थी। समाजवादी सरकार ने वर्तमान केन्द्र सरकार की मांग पर गोरखपुर में एम्स की स्थापना के लिए मूल्यवान जमीन उपलब्ध करायी। रायबरेली में एम्स का निर्माण हो रहा है, लेकिन शिलान्यास में उन्हें नहीं बुलाया गया। इसी प्रकार गोरखपुर में किसी शिला पट्टिका पर उनका नाम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए समाजवादी सरकार केन्द्र के साथ पूरा सहयोग कर रही है लेकिन केन्द्र द्वारा इस तथ्य का सम्मान नहीं किया जा रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसमें तकनीक की मदद ली जाएगी। प्रदेश सरकार बेस्ट टीचर्स के माध्यम से स्टडी ट्यूटोरियल तैयार कराएगी, ताकि प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि संस्कृत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए आए सुझावों पर राज्य सरकार कार्य करेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री नारद राय ने कहा कि दुनिया को बेहतर ढंग से जानने-समझने के लिए विज्ञान आवश्यक है। इसलिए समाजवादी सरकार द्वारा विभिन्न जनपदों में साइंस पार्क का निर्माण करवाया जा रहा है। शीघ्र ही लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क तथा गोमती रिवर फ्रण्ट पर आकाश दर्शन कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के पुरस्कार शीघ्र वितरित किए जाएंगे।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के पुरस्कारों की राशि में बढ़ोत्तरी के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शारदा प्रताप शुक्ला ने कहा कि अपने देश में गुरुओं के सम्मान की सुदीर्घ परम्परा रही है। गुरुओं का सम्मान इसी परम्परा का सम्मान है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अपने विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन रहा है।
इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव श्री दीपक सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार विद्वतजन का सम्मान करने का पुनीत कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने लगभग सभी पुरस्कारों की धनराशि में बढ़ोत्तरी की है। राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाएं चलायी हैं। एक दिन में 05 करोड़ पेड़ लगाने का विश्व रिकाॅर्ड कायम किया गया है। प्रदेश के वैज्ञानिकों से गांव के फायदे के लिए काम का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि गवर्नेन्स में आई0टी0 की भूमिका बढ़ाकर सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाकर आम आदमी को इनका लाभ दिलाया जाएगा।
कार्यक्रम को उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो0 एस0एस0 कटियार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अध्यक्ष श्री जावेद आब्दी, संस्कृत संस्थानम् की अध्यक्ष डाॅ0 साधना मिश्रा ने भी सम्बोधित किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा तैयार किया गया ‘हैलो यंग साइन्टिस्ट साइंस एैप’ को भी लाॅन्च किया। ‘हैलो यंग साइटिस्ट क्विज’ को एण्ड्रायड विण्डोज एवं आई0ओ0एस0 प्लेटफाॅर्म पर डाउनलोड करके चलाया जा सकता है। एप को चलाने के लिए ीजजचरूध्ध्चसंलण्हववहसमण्बवउध् ेजचतध्ंख्ख्ेध्कमजंवयेण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्पकत्रबवउण्जंबजण्बेजुनप्र का उपयोग करना होगा। एप में विज्ञान से सम्बन्धित प्रश्न होंगे जिनके उत्तर चार विकल्पों में होंगे, जिसमें से एक सही उत्तर होगा। यद्यपि इसका लक्ष्य कक्षा 8 से 12 तक के विज्ञान के छात्र-छात्राओं को रखा गया है, किन्तु सभी विषय के विद्यार्थी इसका उपयोग कर ज्ञानवर्धन करके इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रो0 अजय कुमार श्रीवास्तव तथा डाॅ0 राम प्रकाश यादव को 03 लाख रुपए का ‘सरस्वती पुरस्कार’ तथा डाॅ0 हिमांशु पाण्डेय, डाॅ0 रवीन्द्र प्रताप सिंह तथा डाॅ0 दिनेश चन्द्र शर्मा को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए का ‘शिक्षक श्री पुरस्कार’ प्रदान किया। भाषा विभाग की ओर से प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद मिश्र को 05 लाख 01 हजार रुपए का ‘विश्व भारती पुरस्कार’, डाॅ0 रहस बिहारी द्विवेदी को 02 लाख 01 हजार रुपए का ‘महर्षि बाल्मीकि पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
प्रो0 राधेश्याम चतुर्वेदी को 02 लाख 01 हजार रुपए का ‘महर्षि व्यास पुरस्कार’, डाॅ0 प्रणव शर्मा शास्त्री को 01 लाख 01 हजार रुपए का ‘विशेष विशिष्ट पुरस्कार’, डाॅ0 मीरा द्विवेदी, डाॅ0 वागीश शर्मा दिनकर, प्रो0 जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’, डाॅ0 बनमाली विश्वास, प्रो0 रमेश कुमार पाण्डेय प्रत्येक को 01 लाख 01 हजार रुपए का ‘विशिष्ट पुरस्कार’ श्री तोयराज उपाध्याय, श्री श्याम शंकर द्विवेदी, श्री विवेक कुमार शर्मा, श्री दुर्गा प्रसाद गौतम, श्री वेद प्रकाश चतुर्वेदी, श्री रवीन्द्र शर्मा, श्री सर्वेश कुमार मिश्र, श्री ज्योति स्वरूप तिवारी, श्री नितिन कुमार पाण्डेय, श्री विवेक पाठक प्रत्येक को 51 हजार रुपए का ‘वेद पण्डित पुरस्कार’, डाॅ0 हर्ष देव माधव को 51 हजार रुपए का ‘कालिदास पुरस्कार’, पण्डित सत्य नारायण शास्त्री को 51 हजार रुपए का ‘बाणभट्ट पुरस्कार’ तथा डाॅ0 राम नारायण द्विवेदी को 51 हजार रुपए का ‘सायण/पाणिनी पुरस्कार’ दिया गया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से विज्ञान सम्मान 2013-14 के तहत के0जी0एम0यू0 के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ0 सूर्यकान्त को 05 लाख रुपए का ‘विज्ञान गौरव पुरस्कार’, डाॅ0 सलिल टण्डन, डाॅ0 अभिजीत चन्द्रा, डाॅ0 शिव नारायण कुरील को ढाई-ढाई लाख रुपए का ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’, डाॅ0 ए0के0 तिवारी, डाॅ0 मयंक सिंह, डाॅ0 सुधाकर श्रीवास्तव, डाॅ0 तारिक आफताब, डाॅ0 बहाजुद्दीन प्रत्येक को 01 लाख रुपए का ‘यंग साइंटिस्ट पुरस्कार’, श्री आयुष्मान वाजपेयी, श्री प्रांजल मिश्रा, श्री सिद्धार्थ गुप्ता, कु0 अवनि गंगवार, श्री सूर्यान्क दीक्षित को 25-25 हजार रुपए का ‘बाल वैज्ञानिक सम्मान’ प्रदान किया गया।
श्री आलोक गोयल, डाॅ0 घनश्याम सिंह, श्री संजय शर्मा, सुश्री बीना मिश्रा, श्री सुशील कुमार पाण्डेय प्रत्येक को 25 हजार रुपए का ‘विज्ञान शिक्षक सम्मान’, डाॅ0 जितेन्द्र राव, डाॅ0 रमेश कुमार श्रीवास्तव, मो0 अबरार, श्री राम सजीवन, श्री नव कुमार अवस्थी को 25-25 हजार रुपए का ‘नव अन्वेषक सम्मान’ (किसान मजदूर पुरस्कार) प्रदान किया गया। इसके अलावा श्री आनन्द कुमार पाण्डेय, श्री हसन रजा खां, श्री वंश चतुर्वेदी, श्री हामिद हसन तथा श्री रमेश कुमार मौर्या को विभिन्न क्षेत्रों में अभिनव कार्य करने के लिए 10-10 हजार रुपए का ‘प्रोत्साहन पुरस्कार’ दिया गया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव भाषा श्री किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री हिमांशु कुमार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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