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मुख्यमंत्री ने थारू बालिकाओं/महिलाओं के अध्ययन दल की बस को झण्डी दिखाकर रवाना किया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार थारू जनजाति को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत है। जिससे इस जनजाति के लोग भी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राप्त कर जागरूक बने और अपना भविष्य बेहतर बना सकें। उन्होंने कहा कि थारू जनजाति के विकास की योजनाओं के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर थारू जनजाति की महिलाओं तथा बालिकाओं के एक दल को शैक्षणिक भ्रमण हेतु ओरछा, मध्य प्रदेश के लिए रवाना करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री यादव ने कहा कि आज जब प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है, थारू जनजाति की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है। वे आज भी जंगल में है यद्यपि जंगलों को बचाये रखने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। कतिपय कानूनों की वजह से थारू जनजातीय क्षेत्र में विकास गतिविधियों जैसे, बिजली अथवा टेलीफोन की लाइनें बिछाना, घर बनाना आदि में कठिनाइयां आती हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार कानून के दायरे में सभी सम्भव तरीकों से थारू जनजाति के विकास के लिए प्रयास करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली हाट की भांति लखनऊ में भी एक बाजार का निर्माण कराया जा रहा है। यह बाजार दिल्ली हाट से भी बड़ा होगा जहाँ पर प्रदेश के हस्तशिल्पी अपने उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय कर सकेंगे। थारू महिलाएं भी अपने हस्तशिल्प का यहां पर प्रदर्शन एवं विक्रय कर सकेंगी।
श्री यादव ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से ओरछा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। थारू महिला उद्यमियों को ओरछा के ताराग्राम के शैक्षणिक भ्रमण से काफी सीखने को मिलेगा। इसके अलावा ओरछा की लम्बी यात्रा के दौरान भी काफी सीखने को मिलेगा, जिससे इनका उद्यमिता कौशल और अधिक निखरेगा। ये महिलाएं स्वावलम्बी बनकर अपने परिवार के साथ ही पूरे समुदाय के आर्थिक विकास की वाहक बनेंगी। उन्होंने कहा कि सीखने-सिखाने का सिलसिला चलता रहना चाहिए। राज्य सरकार इसके लिए अपना पूरा सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल की बालिकाओं/महिलाओं को किट एवं जैकेट भेंट कीं। इस अवसर पर थारू महिलाओं ने मुख्यमंत्री एवं कन्नौज की सांसद श्रीमती डिम्पल यादव को स्मृति चिन्ह दिये। कार्यक्रम को सुलभ इन्टरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक ने भी सम्बोधित किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के शुभारम्भ में थारू बालिकाओं ने एक स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी श्रीमती किंजल सिंह ने थारू जनजातीय क्षेत्र के विकास के उपायों पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यक्रम के अन्त में मुख्यमंत्री ने थारू बालिकाओं/महिलाओं के अध्ययन दल की बस को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, राजनैतिक पंेशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप, ब्रज फाउण्डेशन के श्री विनीत नारायण, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने एक नयी पहल करते हुए प्रदेश के थारू जनजातीय क्षेत्र की उद्यमी बालिकाओं/महिलाओं को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ मंे स्थित ओरछा के ताराग्राम में शैक्षणिक भ्रमण हेतु भेजने का फैसला किया है। इसके तहत जनपद खीरी एवं बहराइच के थारू क्षेत्र की 20-20 बालिकाओं/महिलाओं का चयन किया गया है। लगनशील, मेहनती तथा सीखने की इच्छा से भरपूर इन बालिकाओं/महिलाओं को एन0आर0एल0एम0 के तहत शिक्षित करके कम्प्यूटर की भी जानकारी दी गई है। इन्हें थारू जनजाति के सम्बन्ध में सरकार की विकास योजनाओं से अवगत कराया गया है कराने के साथ ही ताराग्राम की विभिन्न इकाइयों के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
मध्य प्रदेश की यात्रा से पहले लखनऊ में इन लोगों को उपयोगी जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया गया है। इसके तहत, ‘1090’ विमेन पावर लाइन की टीम द्वारा महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण, स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी प्रशिक्षण, तथा सुलभ इण्टरनेशनल इंस्टीट्यूट का भ्रमण तथा संस्था के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के साथ स्वच्छता के सम्बन्ध में चर्चा के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा पर भी चर्चा का अवसर मिला है। कन्नौज की सांसद श्रीमती डिम्पल यादव के साथ भी इन बालिकाओं/महिलाओं की मुलाकात हुई।
ओरछा भ्रमण के दौरान इन बालिकाओं/महिलाओं को तारा निर्माण केन्द्र, तारा हैण्डमेड पेपर रिसाइकिलिंग, तारा लाइवलीहुड एकेडमी, देसी पावर, जयतारा वाटर फिल्टर, महिला साक्षरता, रेडियो बंुदेलखण्ड (एफ0एम0 90.4) चेक डैम आदि का भ्रमण व अध्ययन करने के साथ ही, इन कार्याें को व्यावहारिक रूप से भी सीखने का अवसर मिलेगा।

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