लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों में कोई न कोई आकर्षण मौजूद है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम है। यह आकर्षण ऐतिहासिक धरोहर, हस्तशिल्प अथवा खान-पान से सम्बन्धित हो सकता है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर यह भगवान राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध की धरती है, वहीं रहीम, तुलसी, सूर, कबीर सहित तमाम संत-कवि भी यहां की विरासत की अनमोल पहचान हैं। इन सब के मद्देनजर राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गम्भीर प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां होटल ताज में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश ट्रैवल राइटर्स काॅन्क्लेव 2015’ के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को अपने अनुभव लिपिबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे दुनियाभर के पर्यटन प्रेमियों को उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राज्य के खान-पान, रीति-रिवाज, परम्पराओं, संगीत और साहित्य, तहज़ीब सहित तमाम खूबियों के बारे में भी पता चलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देन में इण्टरनेट जैसे आधुनिक संचार माध्यमों का प्रदेश सरकार द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि प्रदेश के बारे में जानकारी दुनिया के कोने-कोने में उपलब्ध हो सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि टैªवल राइटर्स भी इनका इस्तेमाल करते हुए प्रदेश के विषय में विस्तृत जानकारी लोगों को मुहैया कराएंगे।
श्री यादव ने कहा कि रोजगार पैदा करने एवं देश दुनिया में उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पर्यटन की भूमिका से अच्छी तरह वाकिफ है। इसीलिए पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। आगरा-लखनऊ-वाराणसी एवं इनके आस-पास के क्षेत्रों को जोड़ते हुए ‘हेरिटेज आर्क’ का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा ताज नगरी आगरा में पर्यटकों को विश्वस्तरीय सहूलियत देने के लिए ताजगंज क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा में मुगलकालीन धरोहरों, परम्पराओं, रीति-रिवाजों को आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुगल म्यूजि़यम का निर्माण कराने का फैसला लिया गया है। आगरा के अन्य 12 ऐसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों को भी लाइम लाइट में लाने का प्रयास किया जा रहा है। ये सभी स्थल या तो अभी तक लोगों के लिए अंजान थे या इन स्थलों पर सुविधा न मिलने के कारण पर्यटक वहां नहीं जाते थे। समीपवर्ती ब्रज एवं बटेश्वर के साथ-साथ इटावा में लायन सफारी को भी आकर्षण के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश ‘होम आॅफ द ताज’ का अभियान भी चलाया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी कई विकास कार्य संचालित हैं। गोमती रिवर फ्रण्ट डेवलपमेण्ट का काम तेजी से चल रहा है। तमाम ऐतिहासिक इमारतों को समेटे हुसैनाबाद हेरिटेज जोन का विकास लगभग अंतिम चरण में है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना, इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जे0पी0 कन्वेन्शन सेण्टर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जनेश्वर मिश्र पार्क भी विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा आगरा से लखनऊ को जोड़ने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। फतेहपुर सीकरी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र तमाम भवन इतिहास की गम्भीर जानकारी देने में भी सक्षम हैं। उत्तर प्रदेश की विविधता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन के साथ-साथ यह राज्य राजनीति के क्षेत्र में भी आकर्षण का केन्द्र है। स्वतंत्रता आन्दोलन की शुरूआत भी इसी राज्य से हुई थी।
श्री यादव ने बताया कि प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में भी आधारभूत सुविधाओं से सम्बन्धित कई परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से प्रदेश में देशी एवं विदेशी पर्यटकों का आगमन और अधिक बड़ी संख्या में होगा। अभी तक के प्रयासों से ये साबित होता है कि राज्य सरकार अपने उद्देश्य में सफल हो रही है। वर्ष 2014 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि देशी पर्यटकों के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर तथा विदेशी पर्यटकों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश को इसकी विशालता एवं विविधता को देखते हुए इसे पहले नम्बर पर पहुंचाने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की कि प्रदेश में पर्यटकों के लिए चलाई जा रही गतिविधियों को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर से मान्यताएं मिलने लगी हैं, और गत दिवस वल्र्ड टूरिज्म एण्ड टैªवल काउन्सिल ने उत्तर प्रदेश को पर्यटन के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरस्कृत किया है।
श्री यादव ने आशा व्यक्त की कि ट्रैवल राइटर्स अपने लेखन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों के विषय में देश-विदेश में लोगों को विस्तार से बताएंगे, जिससे बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक इस राज्य की ओर आकर्षित होंगे।
कार्यक्रम को पर्यटन मंत्री श्री ओम प्रकाश सिंह ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हेरिटेज आर्क बनाकर पर्यटकों के लिए प्रदेश को जानने-समझने के रास्ते खोल दिए हैं। कुशीनगर में संचालित मैत्रेय योजना से बौद्ध पर्यटकों को सुविधा होगी।
अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि पर्यटन असीमित सम्भावनाओं वाला क्षेत्र है और राज्य सरकार इसकी अधिकतम सम्भावनाओं का उपयोग करते हुए रोजगार को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरें, हस्तशिल्प क्षेत्र, धार्मिक स्थल, वन्य क्षेत्र इत्यादि बड़ी संख्या में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में आने वाले हर पर्यटक को उत्कृष्ट और न भूलने वाला अनुभव मिले। काॅन्क्लेव के दौरान कुछ विदेशी पर्यटकों ने भी राज्य में पर्यटन के अपने अनुभव सुनाए और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही पर्यटन सुविधाओं की जमकर तारीफ की।