16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 2015-16 के लिये गन्ना मूल्य निर्धारण समिति की बैठक सम्पन्न

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: गन्ना पेराई सत्र 2015-16 हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गन्ना मूल्य निर्धारण समिति की बैठक आज योजना भवन में सम्पन्न हुई। बैठक में विमर्श के दौरान
प्रदेश के विभिन्न प्रक्षेत्रों से आये प्रगतिशील कृषक, चीनी उद्योग के प्रतिनिधिगण एवं गन्ना शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने गन्ना खेती की लागत एवं राज्य-परामर्शी मूल्य हेतु विविध पहलुओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

सर्वप्रथम चीनी उद्योग की ओर से यू0पी0इस्मा के अध्यक्ष सी0बी0पटौदिया ने कहा कि 45 साल में पहली बार चीनी उद्योग गहरे संकट में है क्योकि बाजार में चीनी का भाव अत्यधिक गिर जाने के कारण किसानों को गन्ने का घोषित मूल्य चीनी मिलें नही दे पा रही है। उन्होनें इस संकट की स्थिति में 2800 करोड़ की इमदात के लिये सरकार का आभार भी व्यक्त किया। इसी संगठन के सचिव दीपक गुप्तारा ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात एवं कर्नाटक में एफ0आर0पी0 ही लागू है, उ0प्र0 में एस0ए0पी0 इससे अधिक लागू किया जाना वर्तमान समय में उद्योग के लिये भारी पड़ रहा है। चीनी उद्योग की ओर से मसौधा के आदित्य झुनझुनवाला, पारले के पालीवाल और द्वारिकेश के आर0के0गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।
किसान प्रतिनिधियों की ओर से प्रो0 सुधीर पंवार ने कहा कि सरकार यदि शुगर पर सेस भी आयत कर दे तो ही किसानों को अब गन्ने का वाजिब मूल्य मिल पायेगा। देवबन्द के प्रीतम सिंह ने कहा कि उद्योग सी0ए0पी0सी0 को ढ़ाल न बनाये क्योकि यह कृषि उत्पाद मूल्य  संस्तुत करने वाली समिति भर है। मेरठ के संत कुमार भारती ने कहा कि चीनी मिल समय पर पेराई शुरू कर दें तो बड़ी राहत होगी। गोण्डा के बिन्द्रा प्रसाद शुक्ल ने कहा कि गन्ना मूल्य अगर बुवाई से पूर्व तय हो जाये तो गन्ना मूल्य का मौजूदा संकट नही होगा। देवरिया के मणि त्रिपाठी ने प्रतापपुर चीनी मिल को इस सत्र में भी चलवाने की घोषणा हेतु सरकार का साधुवाद किया। आजमगढ़ के राधेश्याम यादव, खीरी के कल्बे हसन ने भी अपने विचार रखे। किसानों ने मौजूदा पेराई सत्र के लिये गन्ना मूल्य 300/-रू0 से 340/- तक किये जाने की माॅग की।
बैठक में गन्ना शोध परिषद, शाहजहाॅपुर के निदेशक डा0 बी0एल0शर्मा ने गन्ने की खेती की लागत का आंकलन प्रस्तुत करते हुये बताया कि मानक रूप में यह 254/- रू0 प्रति कुन्तल आंगणित होती है। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक डा0 नरेन्द्र सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि चीनी मिल इकाई को इन्टीग्रेटेड काम्प्लेक्स का स्वरूप देना होगा तभी गन्ना उत्पादक का भी भला होगा और चीनी उद्योग भी जीवित रह सकेगा। सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबन्ध निदेशक वी0के0यादव ने सूचित किया है कि बागपत एवं रमाला की चीनी मिलें संचालित हो गयी है, 15 नवम्बर तक 12 और सहकारी चीनी मिलें पेराई कार्य प्रारम्भ कर देगीं।प्रमुख सचिव चीनी उद्योग श्री राहुल भटनागर ने बताया कि पिछला पेराई सत्र कठिन जरूर रहा लेकिन किसानों का देय गन्ना मूल्य अगले पखवारे या 20 दिन में पूरा भुगतान कराने को सरकार कटिबद्ध है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More