नई दिल्ली: वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की 13वीं बैठक आज यहां केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित की गई। वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा, आरबीआई गवर्नर डॉ. रघुराम जी. राजन, वित्त सचिव श्री रतन पी. वाटल, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव श्री शक्तिकांत दास, वित्तीय सेवा विभाग में सचिव सुश्री अंजुली चिब दुग्गल, राजस्व विभाग में सचिव श्री हसमुख अधिया, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अरविंद सुब्रमण्यन, सेबी के चेयरमैन श्री यू.के.सिन्हा, इरडा के चेयरमैन श्री टी.एस.विजयन, पीएफआरडीए के चेयरमैन श्री हेमंत जी. कांट्रैक्टर और भारत सरकार एवं वित्तीय क्षेत्र नियामकों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अरविंद सुब्रमण्यन ने वृहद अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से बताते हुए समस्त महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। परिषद ने यह बात रेखांकित की कि वित्तीय बाजारों में जो तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, वह उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) के समक्ष मौजूद बेहद बड़े खतरों में से एक है। हालांकि, भारत की वृहद अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों में हुए व्यापक सुधार और देश के विशाल विदेशी मुद्रा भंडार को देखते हुए भारत की स्थिति आज निश्चित तौर पर कहीं ज्यादा अच्छी नजर आती है। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में एफएसडीसी की उप-समिति द्वारा किए गए कार्यों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट एफएसडीसी के समक्ष पेश की गई।