देहरादून: प्रदेश के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, आयुष एवं यूनानी शिक्षा, समाज कल्याण मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में उनके कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक सम्पन्न होगी।
राज्य व्याधि सहायता निधि विषयक योजना की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने योजना को सरलीकरण करने के लिए निधि में उपलब्ध बजट का 80 प्रतिशत धनराशि जिलाधिकारियों के प्राविधान में रखने का निर्णय लिया। अब प्रत्येक जिलाधिकारी को उनकी पिछले व्ययों के अनुपात में धनराशि आबंटित की जायेगी। यह धनराशि लगभग 2.5 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष अनुमानित है। जिसका 80 प्रतिशत अंश जिलाधिकारियों के अधीन रहेगा। शेष 20 प्रतिशत अंश राज्य व्याधि सहायता निधि में उपलब्ध रहेगा, जो जिलों की मांग पर सम्बन्धित जिले को अवमुक्त किया जायेगा। बी0पी0एल0 परिवार को निधि से सूचीबद्ध अस्पतालों की सूचना पर प्रभावित रोगी के ईलाज के लिए अस्पताल के खाते में अनुमानित व्यय का 25 प्रतिशत या 25 हजार रूपया जो कम हो हस्तांतरित कर दिया जाएगा। अवशेष ईलाज का भुगतान वास्तविक बिल प्रस्तुत करने पर अस्पताल को प्राप्त हो जायेगा। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2005 से अब तक 931 लोगों का इस योजना से ईलाज करवाया गया जिसमें 11 करोड़ 36 लाख 64 हजार 175 रूपये व्यय का भुगतान किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस योजना मंे लिवर ट्रांन्सप्लांट जैसे ईलाज को भी शामिल करने का निर्णय लिया है, और गम्भीर बिमारी की स्थिति में बी0पी0परिवार के सदस्य को मिलने वाला मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी मिलाकर राहत दिलाने के निर्देश दिये। इस योजना में बी0पी0एल0 परिवार को डेढ़ लाख रूपये तक का ईलाज किया जाता है। वर्तमान में राज्य व्याधि निधी का संचालन महानिदेशक स्वास्थ्य से होता है। जिनमें आ रही परेशानियों को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य योजना का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये ताकि पात्रों को शतप्रतिशत लाभ दिलाया जा सके।
उन्होंने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में लम्बित भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिये, तथा पूर्व में लम्बित विभिन्न अस्पतालों की देयकों को भी तुरन्त भुगतान करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के द्वितीय चरण में खर्च के कम अनुापत को गम्भीरता से लेते हुए प्रत्येक शुक्रवार को एम0एस0बी0वाई0 की समीक्षा बैठक कराने केे निर्देश दिये तथा डाॅ0 चक्रपाणी एवं वित्त सलाहकार एनएचएम ओपी यादव को 4 जिलों की रिर्पोट संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने एम0एस0बी0वाई0 योजना में कार्ड वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए 5 नवम्बर तक सभी पात्रों का कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्क्रीनिंग कैम्प के द्वितीय चरण में रोगियों की कम समस्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए योजना का लाभ ग्रामीणों को पहुचाने के लिए सघन प्रचार की आवश्यक्ता पर बल देते हुए प्रचार-प्रसार की ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
उन्होंने 108 की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजना के लिए अवशेष 3 करोड़ की धनराशि भी शीघ्र जारी करें। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पिछली बैठक में दिये गये निर्देश के क्रम में 108 संस्था को 3 करोड़ रूपया और जारी कर दिया गया जबकि संस्था को 2.74 करोड़ की राशि पूर्व में दी जा चुकी थी।
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा संभावित स्वाइन फ्लू(एच1एन1) रोग के नियंत्रण के लिए निर्देश दिए गये। उन्होंने सभी जनपदीय रेपिड रिस्पान्स टीमों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए तथा प्रत्येक दिन सर्विलेन्स रिपोर्ट मुख्यालय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वाइन फ्लू के मरीजों हेतु जिला चिकित्सालय तथा बेस चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड बनवाने के निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने स्वाइन फ्लू औषधि टेमीफ्लू(ओसल्टेमाविर) पर्याप्त मात्रा में जिला चिकित्सालय तथा बेस चिकित्सालय में रखने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में आयुर्वेदिक दवाई कालमेद्य की भी उपलब्धता के निर्देश दिए। उन्होंने डेंगू की अद्यतन रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए डेंगू पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ओम प्रकाश, अपर सचिव स्वास्थ्य नीरज खैरवाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 कुसुम नरियाल, निदेशक डाॅ एस0सी पंत, डाॅ आभा मंमगाई सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।