नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं से सामाजिक संगठनों और समुदायों को हितधारकों के रूप में शामिल करने को कहा है। श्री नड्डा ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओँ में सुधार लाने की पहल- ‘कायाकल्प’ के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए बुलाई गई सरकारी अस्पतालों/संस्थाओं के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों की बैठक को संबोधित करते हुए आज यह बात कही।स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और दृष्टिकोण में बदलाव लाने के प्रयासों का जायजा लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं को जनता, गैर-सरकारी संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों आदि को इस प्रयास में भागीदार बनने और स्वास्थ्य केन्द्र की स्वच्छता की जिम्मेदारी साझा करने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। श्री नड्डा ने उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए पुरस्कारों की स्थापना आदि जैसे कदम उठाने का सुझाव दिया।
स्वास्थ्य मंत्री को विभिन्न सरकारी अस्पतालों और संस्थानों में इस पहल के कार्यान्वयन के संबंध में ताजा स्थिति से अवगत कराया गया। स्थिति की समग्र समीक्षा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दौरा करने से स्वच्छता की स्थिति बेहतर बन सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस प्रयास को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू करने, साथ ही साथ हाउसकीपिंग कर्मचारियों को कार्य के दौरान प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन में विकेन्द्रीकरण और स्व-निर्णय को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन में व्यापक लचीलापन लाने के लिए अस्पताल के स्तर पर राशि संग्रह की स्थापना किए जाने पर भी जोर दिया।
इस बैठक में सचिव (स्वास्थ्य) श्री बी.पी. शर्मा, अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक, एनएचएम श्री सी.के. मिश्रा, अपर सचिव, (स्वास्थ्य) श्री अरूण के. पांडा और महानिदेशक (सीजीएचएस) श्री नवरीत सिंह कंग एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।