देहरादून: प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, आयुष, आयुष शिक्षा, समाज कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, गन्ना विकास, चीनी उद्योग एवं अर्द्ध सैनिक कल्याण मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में विधान सभा सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिन अभ्यार्थियों द्वारा चिकित्सा विभाग में आवेदन किया है, उनको शीघ्र ही साक्षात्कार मिनीमम करते हुए उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जाये। उन्होंने सचल वाहनों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन गाड़ियों की बैटरी व अन्य सामान ठीक नहीं है, उन्हें तुरन्त ठीक करते हुए सचल वाहनों को चलाया जाये, जिससे आम आदमी को चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि विकास खण्डों में संचालित विशेषज्ञ स्क्रीनिंग कैम्पों में निःशुल्क ईलाज आदि योजनाओं से सम्बन्धित विवरण बोर्ड के माध्यम से आमजन को सूचित कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने आरोग्य धाम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जो सचल वाहन प्रदान किये गये हैं, उनका संचालन तीव्रता से करने को कहा। इसके लिए उन्होंने 2.5 करोड़ रू0 का प्राविधान किया है। इससे जो कैम्प हमारे चल रहे हैं वह कारगर साबित होंगे। उक्त योजना में आमजन का सहयोग एवं सहभागिता भी प्राप्त हो रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो वाहन मरम्मत के अभाव में खड़ा है, उसे तुरन्त ठीक करवायें तथा सचल वाहन एवं आरोग्य वाहन को एक सप्ताह के अन्दर आॅन रोड करने के निर्देश दिये।
उन्होंने नेत्र कैम्पों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन कैम्पों का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार नही हो रहा है, जिससे नेत्र रोगी इसका भरपूर लाभ नहीं ले पा रहा है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक जिले में इन कैम्पों का वृहद प्रचार करते हुए नेत्र रोगियों को लाभान्वित किया जाये। इसके लिए 5 लाख रू0 राज्य के लिए स्वीकृत हैं, तथा 7 लाख रूपये जनपदों के लिए स्वीकृत हैं इस लिए इस कार्य मंे तीव्रता लाते हुए उक्त धन का उचित उपयोग किया जाये।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा की जिस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि उक्त योजना का गढ़वाल में अच्छा कार्य चल रहा है, परन्तु कूमायुॅ के खटीमा, सितारगंज में कार्य सन्तोष जनक नही है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उक्त स्थानों पर विशेष ध्यान देते हुए योजना का क्रियान्वयन करवाया जाये।
उन्होंने कहा कि जिन डा0 की तैनानी जनपदों में की गयी है, उनमें से कितने डाॅक्टर द्वारा तैनाती दी गयी उसका भी उनके द्वारा विवरण प्राप्त किया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि सरकार लाखों रूपये लगाकर डाॅ0 बना रही है, इस पर उनके द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए इस पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये।
बैठक में उन्होंने संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार में डायलेसिस की सुविधा प्रदान किये जाने के वाबत कहा कि इनके लिये दो करोड़ रू0 4 मशीनों के लिए स्वीकृत हो चुका है। इसके लिए उन्होंने स्थान का चिन्हीकरण करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिये।
बैठक में उन्होंने गांधी नेत्र चिकित्सालय में तैनात डाॅ0 की तन्ख्वाह में आ रही दिक्कतों से से रूबरू होते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी डाॅ0 एवं कर्मचारी की तन्ख्वाह में कोई दिक्कतें नहीं आनी चाहिए, इसके लिए मेरे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए।
बैठक में संयुक्त सचिव स्वास्थ्य अतर सिंह, कार्यकारी महानिदेशक आभा ममगाई सहित स्वास्थ्य विभाग के कई डाॅक्टर एवं अधिकारी मौजूद थे।