जयपुर में जीका वायरस से ग्रसित कई मरीज सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पेशल एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी राज्यों खासकर राजस्थान से सटे राज्यों को खास सावधानी बरतने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशालय ने एडवाइजरी जारी कर सभी सीएमओ को अलर्ट रहने को कहा है।
राष्ट्रीय कार्यक्रम आईडीएसपी के सहायक निदेशक डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि वैसे तो राज्य में जीका वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अब जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है तो सभी सीएमओ को सतर्क रहने को कहा गया है।
एडवाइजरी में निर्देशित किया गया है कि राजस्थान खासकर जयपुर से आने वाले मरीजों पर नजर रखी जाए और जीका वायरस से पीड़ित मरीज के बारे में तत्काल जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि जीका वायरस डेंगू, मलेरिया की तरह एनाफिलीज मच्छर से पैदा होता है। ऐसे में डेंगू व मलेरिया के नियंत्रण को लेकर जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, उसमें और तेजी लाई जाए ताकि जीका वायरस को पनपने ही न दिया जाए।
गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो जीका वायरस से होने वाली बीमारी डेंगू या मलेरिया की तरह होती है। ज्यादातर मरीजोें में यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं पर इस वायरस का खतरा ज्यादा देखा गया है। वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई है कि जीका वायरस की वजह से गर्भवती के पेट में पल रहे बच्चों पर खासा असर पड़ा और बच्चे शारीरिक विकृतियों के साथ पैदा हुए।
युगांडा से शुरू हुआ था जीका वायरस
दुनिया में पहली बार जीका वायरस को साल 1947 में अफ्रीका महाद्वीप के देश युगांडा के बंदराें में पाया गया था। युगांडा के जीका के जंगलों में रहने वाले बंदरों में पाए जाने की वजह से इसका नाम जीका वायरस पड़ा। साल 1952 में यह बंदराें से होते हुए इंसानों तक पहुंच गया। इसके बाद यह तंजानिया से होते हुए अफ्रीका, अमेरिका होते हुए तमाम देशोें में फैल गया। भारत में राजस्थान, बिहार व यूपी समेत कई राज्यों में इसके मरीज सामने आ चुके हैं।
बीमारी के लक्षण