नई दिल्ली: नई दिल्ली के निर्माण भवन में 10 दिनों के लिए एनीमिया यानी खून की कमी की जांच और उपचार के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में एनीमिया पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता और अग्रणी शोध केन्द्र (एनसीईएआर-ए) द्वारा हीमोग्लोबीन की जांच की जाएगी और पोषाहार परामर्श भी प्रदान किया जाएगा। शिविर में भाग लेने वालों को तथा आहार पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता तथा अग्रणी अनुसंधान केन्द्र (एनसीईएआर-डी, लेडी इरविन कॉलेज) तथा गंभीर कुपोषण के लिए केन्द्र (कलावती शरण बाल चिकित्सालय) के आहार परामर्शदाता परामर्श देंगे। कम और सामान्य रूप से खून की कमी वाले चिन्हित लोगों को ओरल आईएफए पूरक और परामर्श दिए जाएंगे और जिन लोगों में खून की काफी कमी है उन्हें उच्च केन्द्रों में प्रबंधन के लिए रेफर किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव श्री प्रीति सुदन ने आज निर्माण भवन में एनीमिया जांच और उपचार केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री मनोज झालानी, एएसएंडएमडी (एनएचएम) तथा संयुक्त सचिव श्रीमती वंदना गुरनानी उपस्थित थीं। सितंबर महीने में मनाएं जा रहे पोषण माह के हिस्से के रूप में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
सितंबर, 2018 महीने को पोषण माह घोषित किया गया है और इसका उद्देश्य पोषाहार के संदेशों को प्रत्येक परिवार तक पहुंचाना है। विभिन्न मंत्रालयों व विभागों द्वारा राष्ट्रीय से लेकर ग्रामीण स्तर तक बहुक्षेत्रीय मिश्रित गतिविधियां चलाई जाएगी। प्रमुख हितधारक मंत्रालय हैं महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय। इस जन आंदोलन की रणनीति के केन्द्र में वो लोग हैं जो परिवर्तन का इरादा रखते हैं, जो भागीदारों को परिवर्तन अपनाने के लिए प्रभावित करते हैं और समर्थनकारी माहौल बनाते हैं।
समुदाय में स्वास्थ्य और आहार सुधार के लिए कुल 10 प्राथमिक विषय चिन्हित किए गए हैं। यह विषय हैं (ए) जन्म पूर्व देखभाल (बी) अधिकतम स्तनपान (सी) पूरक भोजन (डी) पूर्ण टीकाकरण और विटामिन ए पूरक (ई) एनीमिया रोकथाम नियंत्रण (एफ) विकास निगरानी (जी) खाद्य सुदृढ़ीकरण (एच) डायरिया प्रबंधन (आई) बालिका शिक्षा तथा विवाह की आयु (जे) स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल।
उपरोक्त विषयों से संबंधित संदेशों को पहुंचाने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाएगा। ऐसे प्लेटफॉर्मों में सेलेब्रिटी, प्रभावी लोग तथा स्थानीय नेता, ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषाहार दिवस, ग्राम सभा, समुदाय आधारित आयोजन, नुक्कड़-नाटक, वॉल पेंटिंग, टेलीविजन-रेडियों हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त बैठकें, संगोष्ठी और कार्यशालाओँ का आयोजन किया जा सकता है और नवजात के परिवार में जाने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कार्य योजना के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि एम्स, नई दिल्ली तथा 6 क्षेत्रीय एम्स (राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड) द्वारा राज्य सरकार तथा यूनिसेफ के समर्थन से एनीमिया जांच और उपचार अभियान चलाएं जाएंगे। इस अभियान का फोकस महिलाओं की प्रजननीय आयु (15-49 वर्ष) तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों पर होगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत यह अभियान एक महीने के लिए राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली के सहयोग से चलाया जाएगा।