नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गैर-संक्रमणकारी बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण, जांच और प्रबंधन कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए टाटा ट्रस्ट और डेल के साथ समझौते ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने की। उन्होंने व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (सीपीएचसी) आईटी समाधानों के अंतर्गत एनसीडी एप्लीकेशनों के लिए यूजर मेन्यूअल भी जारी किया। समझौता ज्ञापन आदान-प्रदान समारोह में स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ सलाहकार श्री बुर्जिस तारपोरेवाला, डेल ईएमसी कोए के वरिष्ठ वाईएस प्रेजिडेंट श्री सर्वनन तथा डेल गिविंग के निदेशक श्री जेरेमी फोर्ड भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कैंसर, डाइबिटिज़, हृदय रोग तथा आघात की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) बीमारी रोकथाम तथा स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने वाले पहुलओं पर बल देता है और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भी प्रमुखता से शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनएचएम के अंतर्गत डायबिटिज़, हाइपरटेंशन तथा सामान्य कैंसर के तीन प्रकारों की आबादी आधारित जांच कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत हमने 1.5 लाख उपकेन्द्र तथा जन स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य और वेलनेस सेन्टरों में बदलने का फैसला किया है ताकि 12 विभिन्न प्रकार की सेवाएं दी जा सके। इनमें अधिकतर सेवाएं गैर-संक्रमणकारी बीमारियों (एनसीडी) की हैं। उन्होंने कहा कि यह महत्वकांक्षी कार्यक्रम मजबूत आईटी आधार के बिना सफलतापूर्वक लागू नहीं किए जा सकता। उन्होंने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए डेल तथा एनसीडी कार्यक्रम को लागू करने में समर्थन देने के लिए टाटा ट्रस्ट की सराहना की।