नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा के निर्देशन के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विभिन्न केंद्र सरकारी अस्पतालों में डेंगू से निपटने और उसकी रोकथाम के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहा है।
श्री नड्डा ने व्यक्तिगत रूप से भी स्थिति की समीक्षा की है। एम्स, लेडीहार्डिंग मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल के परिसरों में मच्छरों की ब्रीडिंग के माध्यम से डेंगू को रोकने की तैयारियों की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. अरूण के पांडा ने इन अस्पतालों के निदेशक, चिकित्सा अधीक्षकों के साथ आज एक बैठक की।
गौरतलब है कि दिल्ली के अस्पतालों के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के जीवाणु पैदा होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसको मद्देनजर रखते हुए मच्छरों के पनपने को समाप्त करना आवश्यक है क्योंकि अभी तक डेंगू का कोई टीका उपलब्ध नहीं है। चूंकि इस बीमारी की कोई विशेष दवा मौजूद नहीं है इसलिए डेंगू के लारवा पैदा होने की स्थिति को ही समाप्त करना जरूरी है। डीजीएचएस से आग्रह किया गया कि वह सभी केन्द्रीय सरकार के अस्पतालों में एनएस-1 टेस्ट किटों का समुचित स्टॉक उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करें। इस संदर्भ में अस्पताल के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि डेंगू के मामलों का पता लगाने के लिए एनएस1 और 1जीएम किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
आज हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि 22 अगस्त, 2015 को संबंधित रखरखाव एजेंसी और वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रतिनिधि, अस्पताल के अधिकारियों के साथ अपने अपने परिसरों का संयुक्त रूप से दौरा करेंगे। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि डेंगू की रोकथाम के लिए एनवीबीडीसीपी के अंतर्गत तैयार दिशा निर्देशों को डेंगू के संदर्भ में जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि अपने कौशल उन्नयन के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र पर 26 अगस्त, 2015 को केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के कार्मिकों, स्वास्थ्य निरीक्षकों और स्वच्छता निरीक्षकों का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों के स्वास्थ्य पेशेवरों का एक विशेष सत्र भी आयोजित किया जाएगा।