केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड19 टीकाकरण की काफी धीमी गति को लेकर चिंता व्यक्त की है, और सभी पात्र लोगों को टीका लगाकर पूर्ण टीकाकरण कवरेज की गति में तेजी लाने का आग्रह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने इस बारे में आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एनएचएम एमडी के साथ कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश भर में कोविड19 टीकाकरण की हाल की गति में तेजी लाने के लिए एक गहन ‘मिशन मोड’ की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जून-जुलाई के दौरान दो महीने तक चलने वाले “हर घर दस्तक” अभियान 2.0 की विस्तृत योजना बनाने की सलाह दी है जिसमें जिला, प्रखंड और ग्राम स्तर पर टीकाकरण की की विस्तृत योजना हो। ‘हर घर दस्तक’ अभियान 2.0 का उद्देश्य अलग-अलग अभियानों के जरिए घर-घर जाकर पात्र लोगों को पहले, दूसरे और एहतियाती खुराक देकर उनका पूर्ण टीकाकरण करना है जिसमें वृद्धाश्रमों, स्कूलों / कॉलेजों के लिए केंद्रित अभियान शामिल हैं। इसमें स्कूल के बाहर के बच्चे (12-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए केंद्रित कवरेज), जेलों, ईंट भट्ठों, आदि में काम करने वालों का भी टीकाकरण शामिल है। इसमें 60 वर्ष या इससे अधिक की आयु के लोगों के लिए एहतियाती खुराक देना शामिल है, जो इसके अभाव में बीमारी की चपेट में जल्द आ सकते हैं। इसके साथ ही 12-14 वर्ष के समूह में टीकाकरण कवरेज की उल्लेखनीय धीमी गति को भी इंगित किया गया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सभी पात्र लाभार्थियों की देय सूचियों के आधार पर सूक्ष्म योजनाओं के साथ प्रभावी निगरानी करने का आग्रह किया गया। उनसे निजी अस्पतालों के साथ नियमित रूप से 18-59 वर्ष आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक दिलाए जाने की समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राष्ट्रव्यापी कोविड19 टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी संचार रणनीति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि अनुकूलित क्षेत्रीय संचार की बेहतरीन तरीकों से देश ने 191 करोड़ से अधिक खुराक दिलाने में सराहनीय परिणाम प्राप्त किए हैं। उन्होंने क्षेत्र के असरदार लोगों, सामुदायिक नेताओं, अभिनव अभियानों आदि पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
टीकों की राज्य-वार उपलब्धता बनाम बाकी लाभार्थियों के आंकड़ों के साथ, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके पास अप्रयुक्त टीके की लगभग एक्सपायरी वाले खुराक के स्टॉक के बारे में सूचित किया गया था। यह खास तौर पर बताते हुए कि कोविड19 वैक्सीन एक अनमोल राष्ट्रीय संसाधन है, उन्हें यह सुनिश्चित करने की कड़ाई से सलाह दी गई कि किसी भी कीमत पर कोविड-19 टीकों की बर्बादी न हो। यह सक्रिय निगरानी के माध्यम से और “फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट” सिद्धांत के आधार पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जहां पहले एक्सपायर होने वाली खुराक का टीकाकरण के लिए उपयोग पहले किया जाना चाहिए। यह बताते हुए कि दिसंबर 2021 से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी मांग के अनुसार वैक्सीन खुराक की आपूर्ति की गई है, उन्हें सलाह दी गई कि वे पहले आगामी मई, जून और जुलाई महीनों में अप्रयुक्त पड़े खुराक का उपयोग करें।
यह पाया गया कि कुछ राज्यों में, जो व्यक्ति विदेश यात्रा करना चाहते हैं और दूसरी खुराक के 90 दिनों के भीतर एहतियाती खुराक लेना चाहते हैं, उन्हें इच्छित विदेश यात्रा का प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जोर देते हुए दोहराया कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी टीकाकरण केंद्र या राज्य सरकार को विदेश यात्रा पर जाने से पहले एहतियाती खुराक की मांग करने वालों से विदेश यात्रा के किसी भी दस्तावेजी प्रमाण के लिए जोर नहीं देना चाहिए। इस संबंध में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पहले ही जानकारी साझा किया जा चुका है।