नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च अधिकार प्राप्त बैठक में आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन ने एच1एन1 इन्फ्लुएंजा मामलों से निपटने के लिए की गई तैयारियों और कार्रवाई की समीक्षा की। अपर सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, डीसीजीआई डॉ. एस रेड्डी, एनसीडीसी के निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी तथा इएमआर के प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित थे।
मौसमी इन्फ्लुएंजा हर साल वायरस से होने वाला श्वास का संक्रमण है। इस वर्ष 03.02.2019 तक देश में इसके 6701 मामले और 226 मौतें होने की रिपोर्ट मिली हैं। अधिकांश मामले 11 राज्यों में हुए हैं, लेकिन अधिकांश मौतें राजस्थान, गुजरात और पंजाब में होने की खबर है। श्रीमती सूदन ने गुजरात और पंजाब के लिए अतिरिक्त दल भेजे हैं ताकि वे राज्य में बीमारी की रोकथाम में राज्यों की मदद कर सकें। अधिकांश मौतें मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों की हुई हैं।
उच्च स्तर पर बीमारी से निपटने की तैयारी और कार्रवाई की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है। ये समीक्षा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सचिव (स्वास्थ्य), डीजीएचएस, एएस (स्वास्थ्य), संयुक्त सचिव (जन स्वास्थ्य) और निदेशक एनसीडीसी के स्तर पर की जा रही हैं। स्थिति पर निगरानी रखने के लिए नियमित तौर पर वीडियों कांफ्रेंस आयोजित की जा रही हैं। राज्यों को लोगों में जागरूकता बढ़ाने और बीमारी के प्रकोप के समय सहायता प्रदान करने के लिए जिला कलेक्टरों को शामिल करने की सलाह दी गई है।
मौसमी इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1) की रोकथाम की तैयारी के लिए महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीजीएचस), संयुक्त सचिव (जन स्वास्थ्य) और निदेशक एनसीडीसी द्वारा वर्ष 2018-19 में एडवाइजरी जारी की गई है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और उसकी राज्य यूनिटों ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के लिए निगरानी बढ़ाई गई है।