नई दिल्ली: स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सूदन और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में ओएसडी श्री राजेश भूषण ने उन 10 राज्यों के 38 जिलों की 45 नगर पालिकाओं/नगर निगमों के जिला कलेक्टरों, निगम आयुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला अस्पतालों के अधीक्षकों और मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापकों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक (वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये) की जहां कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
ये जिले निम्नलिखित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से हैं: महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश।
जिन मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों, जिन क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाएं साझा की जाती थीं उनमें व्यापक संक्रमण; घर-घर सर्वेक्षण का महत्व; त्वरित जांच के बाद त्वरित एकांतवास और मामलों का नैदानिक प्रबंधन और नियंत्रण रणनीति को कार्यान्वित किया जाना है।
मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के लिए, राज्य के अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम वाले तथा संवेदनशील खंडों जैसे बुजुर्ग लोगों और अन्य प्रकार की रूग्णता वाले लोगों के लिए किए गए उपायों के बारे में सलाह दी गई,जबकि मृत्यु को रोकने के लिए संपर्क का पता लगाने; सक्रिय निगरानी उपायों, पर्याप्त जांच और मामलों का समय पर पर पता लगाने के लिए स्वास्थ्य की मांग को बढ़ावा देना; लक्षणों को बढ़ाए बिना रोगियों की समय पर शिफ्टिंग सुनिश्चित करना शामिल है।
कोविड-19 के नियंत्रण के लिए बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन प्रबंधन के संबंध में, यह सलाह दी गई कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए पर्याप्त योजना बनाई जाए; पर्याप्त संख्या में निगरानी दल प्रदान किए जाएं; बिस्तर की उपलब्धता प्रबंधन के लिए एक व्यवस्था बनाई जाए; नागरिक अपनी ज़रूरत के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं खोज सकें इसके लिए अस्पतालों में तैनात करने के लिए चिकित्सा पेशेवरों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए सचेत होकर सहायता करने का प्रावधान किया जाए।
कार्य क्षेत्र शासन प्रणाली पर बोलते समय, नगरपालिका अधिकारियों को नेतृत्व संभालने की सलाह दी गई थी और ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ का उपयोग करते हुए रोकथाम के उपायों के लिए पूरे नगर निगम के बुनियादी ढांचे को रखा गया था। यह भी बताया गया कि कोविड-19 प्रबंधन प्रयासों के साथ-साथ, नियमित और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देखभाल की आवश्यकता है, जो नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हैं।
जिन क्षेत्रों पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है, उनमें समय पर पता लगाने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना शामिल है; सर्वेक्षण टीमों में बढ़ोतरी; कुशल एम्बुलेंस प्रबंधन; अस्पतालों और बिस्तर प्रबंधन में गंभीर रोगियों को पहले चिकित्सा देने की विधि; बारी-बारी से 24*7 टीमों के माध्यम से अस्पताल में भर्ती मामलों का नैदानिक प्रबंधन ताकि मृत्यु दरों में कमी सुनिश्चित की जा सके। उन्हें यह भी सलाह दी गई कि प्रयोगशालाएं जांच के परिणाम समय पर लौटाएं ताकि संक्रमण की जल्द पहचान हो सके और समय पर इलाज किया जा सके। यह भी सुझाव दिया गया कि विश्वास निर्माण और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की समय पर पहुँच के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। बफर जोन में एसएआरआई/आईएलआईमामलों का पता लगाने के लिए राज्यों को बुखार क्लीनिक को सक्रिय करने की बात याद दिलाई गई। लॉकडाउन को आसान बनाने और प्रतिबंध हटाए जाने के मद्देनजर राज्यों को आने वाले महीनों के लिए जिलेवार भावी योजना बनाने की भी सलाह दी गई।
अब तक कुल 1,24,430 लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 5,137 मरीज ठीक हुए। इसके साथ ही इलाज के बाद स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 48.49% हो गई है। सक्रिय मामलों की कुल संख्या अब 1,24,981 है।
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