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स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नोवेल कोरोनावायरस पर मंत्रालयों / विभागों और राज्यों की तैयारी की समीक्षा की

देश-विदेश

नई दिल्ली: स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीती सुदान ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नोवेल कोरोनावायरस की रोकथाम और प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों तथा नौवहन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि केन्द्रीय स्तर पर संबंधित मंत्रालयों के नजदीकी सहयोग के जरिए रोकथाम के विभिन्न उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश में हालात नियंत्रण में हैं और स्थिति पर प्रधानमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा कैबिनेट सचिव रोजाना नजदीकी नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि नए वीज़ा प्रतिबंध / परामर्श विश्व की स्थिति के मद्देनज़र जारी किए गए हैं। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वह परामर्शों के आधार पर निगरानी गतिविधियां बढ़ाएं।

सुश्री प्रीती सुदान ने राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को हिदायत दी कि वें अलर्ट रहें और अधिक चौकसी से काम करें। उन्होंने बताया कि वास्तविक आधार पर ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष निगरानी वेब टूल से लैस पोर्टल शुरु कर दिया गया है। उन्होंने राज्यों  / केन्द्रशासित प्रदेशों को हिदायत दी कि वे समय-समय पर सटीक आंकड़े पोर्टल पर उपलब्ध कराते रहें। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के स्तर पर समन्वय को मजबूत करें। इस कदम से जिला स्तर पर प्रशासनिक ढांचा भी दुरुस्त होगा।

सुश्री सुदान ने बताया कि हांगकांग और चीन के अलावा सिंगापुर और थाईलैंड की सभी उड़ानों की भरपूर स्क्रिनिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि नोवेल कोरोनावायरस के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास सचिव से आग्रह किया गया है कि वे देशभर के छात्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पर्याप्त उपाय करें।

राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों ने सूचित किया है कि जो प्रोटोकॉल और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, उनका अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। राज्यों की सीमाओं पर होर्डिंग लगाने, पैम्पलेटों का वितरण, घोषणा इत्यादि जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं ताकि नोवेल कोरोनावायरस के लक्षणों के प्रति जागरूकता पैदा हो सके। नेपाल की सीमा से लगने वाले राज्यों ने सूचित किया कि उन्होंने सीमापार से आने वाले सभी व्यक्तियों की स्क्रिनिंग करने के सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं। चिकित्सा कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने का काम नियमित रूप से किया जा रहा है। नोवेल कोरोनावायरस रोग, इसके लक्षणों, रोकथाम के उपायों आदि के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए सीमावर्ती गांवों में विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन किया जा रहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अब सभी 21 हवाईअड्डों, अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों और सीमाओं पर यात्रियों की स्क्रिनिंग की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 21 हवाई अड्डों पर 1275 उड़ानों और 1,39,539 यात्रियों की स्क्रिनिंग की गई है। वुहान से स्वदेश लाये जाने वाले सभी 645 भारतीयों में रोग के लक्षण नहीं पाए गए हैं। अब तक 1232 नमूनों की जांच की गई है और 1199 नमूनों में कोई लक्षण नहीं पाया गया है। 30 नमूने जांच की प्रक्रिया में हैं और तीन नमूनों में रोग के लक्षण पाए गए हैं। ये तीनों नमूने केरल के हैं। इस समय 29 राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों में 6599 व्यक्ति सामुदायिक निगरानी में है। सुश्री सुदान ने बताया कि रोग की रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्यों को अपनी चौकसी बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके अलावा सभी जिलों में प्रशासनिक गतिविधियों में तेजी लाए जाने की जरूरत है।

आईसीएमआर के ईसीडी डिवीजन के प्रमुख और साइंटिस ‘जी’ डॉ. गंगा खेडकर ने बताया कि नोवेल कोरोनावायरस की जांच के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, असम की प्रयोगशाला का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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