नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री बी. पी. शर्मा ने राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न एजेंसियों द्वारा डेंगू से निपटने और उसकी रोकथाम के लिए की गई तैयारियों का एक बैठक में जायजा लिया। बैठक में डीजीएचएस डॉ. जगदीश प्रसाद, एनएचएम के एएस और एमडी श्री सी. के. मिश्रा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी, दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी और दिल्ली छावनी बोर्ड के प्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित थे।डेंगू पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए विभिन्न एजेंसियों ने क्या तैयारी की है, इसकी समीक्षा की है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते हुए डेंगू मामलों का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने नगर निकायों और दिल्ली सरकार के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अगले दो महीने तक चौकस रहें और डेंगू के नियंत्रण, रोकथाम और उसके प्रति जागरुकता पैदा करने के उपायों में तेजी लाएं ताकि हालात पर प्रभावशाली तरीके से काबू पाया जा सके। श्री शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार और नगर निगमों से यह आग्रह भी किया कि वे नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के साथ आईईसी गतिविधियों में तालमेल बनाएं।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों से डेंगू के जीवाणु पैदा होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसको मद्देनजर रखते हुए मच्छरों के पनपने को समाप्त करना आवश्यक है क्योंकि अभी तक डेंगू का कोई टीका उपलब्ध नहीं है। चूंकि इस बीमारी की कोई विशेष दवा मौजूद नहीं है इसलिए डेंगू के लारवा पैदा होने की स्थिति को ही समाप्त करना जरूरी है। डीजीएचएस से आग्रह किया गया कि वह सभी केन्द्रीय सरकार के अस्पतालों में एनएस-1 टेस्ट किटों का समुचित स्टॉक उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने यह सुझाव भी दिया कि डेंगू के मामलों से निपटने के लिए दिल्ली के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को भी प्रशिक्षित किया जाए।
इस बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि डेंगू पर नियंत्रण और उसके रोकथाम के लिए लोगों को जागरुक किया जाए। सुझाव दिया गया कि डेंगू की रोकथाम के लिए मल्टीमीडिया आईईसी अभियानों की शुरूआत की जाए। इसके अलावा यह सुझाव भी आया कि आरडब्ल्यूए को इस अभियान में शामिल किया जाए ताकि विभिन्न मोहल्लों में रहने वाले लोगों को डेंगू के प्रति जागरुक बनाया जा सके।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में विशेष जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि डेंगू के बारे में बच्चों में जानकारी पैदा की जा सके। सुझाव दिया गया कि इस तरह कि गतिविधियों का दायरा बढ़ाया जाए ताकि सभी लोगों को डेंगू के बारे में जानकारी हो सके। यह निर्णय भी किया गया कि सीपीडब्ल्यूडी और विदेशी दूतावासों का सहयोग लिया जाए ताकि दूतावासों के अंदर मच्छरों के पनपने को नियंत्रित किया जा सके।