देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित इन्दिरा अम्मा भोजनालय, ट्रांसपोर्ट नगर सहारनपुर रोड़ की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित धन्यवाद समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने इंदिरा अम्मा भोजनालय से जुड़ी सभी महिलाओं तथा राज्य भर के महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके पं्रशसनीय संगठित प्रयासो के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह अत्यन्त प्रसन्नता कि बात है कि सेराफिना सेवा केन्द्र व सेराफिना स्वयं सहायता समूह ने महिलाओं को संगठित करने के मिशन में मदर सेल्फ हेल्प गु्रप की भूमिका निभायी हैं। श्री रावत ने कहा कि यदि हमे खुशहाल भारत एवं खुशहाल उत्तराखण्ड बनाना है तो महिलाओं की प्रगति, सामाजिक सुरक्षा तथा उनके आर्थिक सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। कोई भी देश, समाज एवं परिवार तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक कि उसकी आधी आबादी विकसित व प्रसन्न नही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में हमारे राज्य में 12000 महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहो के सम्बन्ध में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है जिनके अनुसार राज्य के सभी निष्क्रिय स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय बनाने तथा ऋणग्रस्त स्वयं सहायता समूहों को ऋण भार से मुक्त करने में सहायता दी जायेगी। कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण घोषणा के अन्र्तगत राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि निष्क्रिय स्वयं सहायता समूहो को इस माह के अन्त तक 5000 रूपये की धनराशि वेकअप मनी के रूप में प्रदान की जाएगी। इस प्रकार राज्य के सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा 5000 रूपये की आर्थिक सहायता स्वयं सहायता समूहों को अनुदान के रूप में प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त नई व्यवसायिक गतिविधियों हेतु स्वयं सहायता समूहों को 20000 रूपयें का अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक खेती करने के लिए तथा इस कार्य हेतु भूमि लीज पर लेने हेतु 100000 रूपये की सहायता राशि भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु राज्य में एक वितरण बोर्ड गठन करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है ताकि इन समूहो द्वारा निर्मित उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग हो तथा इनके आर्थिक सुदृढीकरण का मार्ग प्रशस्त हो। इस वितरण बोर्ड का प्रबन्धन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा हाल ही में कुछ स्वयं सहायता समूहों के विक्रय केन्द्रों तथा छोटी दुकानों पर जा कर उनके उत्पादों जैसे फूल मालाओं, हस्तशिल्प उत्पादों तथा मशरूम आदि को स्वयं बेचा गया, यह मुख्यमंत्री द्वारा उनके उत्पादों की मार्केटिंग को प्रोत्साहित करने का एक स्वप्रेरित प्रयास तथा प्रतीकात्मक समर्थन था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आने वाले समय में राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न प्रकार के कार्य जैसे स्कूल डेªस, सरकारी फर्नीचर, हाॅस्पीटिलीटी क्षेत्र व खाद्य उद्योग के कार्य प्रदान किए जाएंगे। फूड कोर्टस में महिलाओं को स्थान आवंटित करते हुए उन्हें इस क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जाएगा। स्थानीय शिल्प, स्थानीय उत्पाद, स्थानीय व्यंजन आदि की मार्केटिंग के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाएगा तथा यह कार्य तीन वर्ष के भीतर क्रियान्वित किया जाएगा। श्री रावत ने कहा कि हमने एक वर्ष पूर्व महिला सशक्तिकरण व कम कीमत पर निर्धन वर्ग को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की अवधारणा के साथ इंदिरा अम्मा कैंटीन आरम्भ की थी यह आज उत्तराखण्ड की पहचान बन गई है। इस सफलता से प्रेरित होकर राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 100 और इंदिरा अम्मा कैंटीन आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस प्रयास हेतु एमडीडीए की प्रंशसा की तथा इस क्षेत्र व एक अन्य स्थान पर दो नई कैंटीन खोलने के निर्देश मौके पर ही दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शीघ््रा ही महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु एक प्रशिक्षण अभियान नाबार्ड व अन्य बैंकों तथा शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ईश्वर ने महिलाओं को नैसर्गिक व स्वाभाविक रूप से कुशल बनाया है। महिलाएं स्वाभाविक रूप से हुनरमंद होती है मात्र थोड़े से प्रशिक्षण से उन्हें व्यवसायिक रूप से कुशल बनाया जा सकता है। श्री रावत ने आशा कि भविष्य में महिला अधिकारिता, महिला सम्मान, महिला सशक्तिकरण ही उत्तराखण्ड की पहचान बने यह उनकी कामना है।
मुख्यंमत्री श्री रावत ने उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम मातृ शक्ति का सम्मान करते है। आज राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है। लड़कियों के विवाह के अवसर पर नन्दा देवी योजना के अन्र्तगत निर्धन वर्ग की लड़कियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करवायी जा रही है। वृद्ध महिलाओं को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी है साथ ही मेरे बुर्जुग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत उन्हें चारधाम यात्रा निःशुल्क करवायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कमजोर बच्चों को आंगनबाडी के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, एमडीडीए उपाध्यक्ष मीनाक्षी सुन्दरम तथा नाबार्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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