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किसानों को कृषि निवेश में सहायता तथा साहूकारी के चंगुल से बचा रही है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। भारत मंे कृषि सिन्धु

घाटी सभ्यता के दौर से अनवरत रूप से की जाती रही है। समय के साथ किसानों और कृषि उत्पादन में काफी परिवर्तन आया है। आज कृषि उत्पादकता अनेेक कारणों पर निर्भर करती है। उनमें कृषि इनपुट्स जैसे ज़मीन, पानी, बीज एवं उर्वरक की उपलब्धता एवं गुणवत्ता, कृषि एवं फसल बीमा की सुविधा, कृषि उत्पादन के लिए लाभकारी मूल्यों का आश्वासन, स्टोरेज एवं मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल है। देश की आबादी का पेट भरने के लिए खाद्यान्न की आवश्यकता होगी, जिसके लिए फसलोत्पादन बढ़ाना होगा। फसलोत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों केे हित में कई योजनायें संचालित की है, जिसको लाभ लेते हुए किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

कृषि उत्पादकता में वृद्धि एवं किसानों  की कृषि कार्यों की तत्काल आवश्यकताओं, निवेश को देखते हुए मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक बड़ा एवं महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारम्भ किया, जिसके तहत खेती-किसानी के लिए किसानों को 6000 रूपये वार्षिक 03 किश्तों में दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। उत्तर प्रदेश में यह योजना लागू हो चुकी है और पात्र किसानो के खातों में गत वित्तीय वर्ष व वर्ष 2019-20 की प्रथम किश्त की धनराशि भी डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के पात्र किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में प्रति वर्ष 6000 रूपये की सहायता राशि दी जा रही है। योजना के आरम्भ में ऐसे कमजोर किसान परिवार जिनके पास 02 हेक्टेयर या उससे कम जमीन है को योजना का लाभ दिया जा रहा था किन्तुु अब इस योजना के तहत सभी किसानों को लाभान्वित करने का निर्णय सरकार ने लिया है। सरकार द्वारा सीधे कृषकों के खातों में धनराशि भेजी जा रही है। 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए किसान आनलाइन या आॅफलाइन दोनो में से किसी भी माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग में पंजीकरण के बाद किसानों के समस्त दस्तावेजों जिनमें रेवेन्यू कार्ड, बैंक अकांउट नम्बर, मोबाइल नम्बर और आधार कार्ड नम्बर की सत्यता प्रशासन द्वारा प्रमाणित की जाती है। किसी भी प्रकार का संदेह होने पर लेखपाल से सम्पर्क कर सकते हैं तथा लेखपाल द्वारा किसान का प्रमाणीकरण किया जाता है। यदि किन्हीं कारणों से लेखपाल एवं कृषि अधिकारी किसी भी प्रकार की लापरवाही करते हैं तो किसान पीएम-किसान हेल्प डेस्क के ई-मेल-चउापेंद.पबज/हवअण्पद पर सम्पर्क कर सकते है या फिर दूरभाष नम्बर 011-23381092 पर काॅल कर समस्या दर्ज करा सकते हैं। आनलाइन आवेदन करते समय किसानो को अपना आधार कार्ड नम्बर, मतदाता पहचान पत्र और बैंक से सम्बन्धित जरूरी दस्तावेज होने अनिवार्य हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति के कृषकों को अपना जाति प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके उपरान्त किसानों को अपने पिता का नाम, मोबाइल नम्बर, जन्मतिथि, खेती की जानकारी जैसे-खेत का आकार, भूमि का विवरण देना होगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आफलाइन आवेदन के लिए किसानों को ग्राम पंचायत या समीप के सीएससी सेन्टर जाकर आवेदन-पत्र प्राप्त कर समस्त जानकारी भरकर देना होगा।

 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ऐसे व्यक्तियों को नही मिलेगा जो केन्द्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग  स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं दस हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को जो खेती करते हैं को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त सांसद, विधायक मंत्री या फिर मेयर तथा अन्य पेशेवर जैसे-डाक्टर, वकील आदि जिनके पास कृषि योग्य भूमि है और खेती करते हैं, वे भी योजना के लिए अपात्र हैं। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति/किसान जिन्होंने गत वर्ष आयकर जमा किया है उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के  अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 109.52 लाख कृषकोे को प्रथम किश्त के रूप में 2190.46 करोड़ की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित कर दी गयी है। प्रथम किश्त हेतु चयनित 109.52 लाख कृषकों में से 72.98 लाख कृषकों को वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रथम किश्त के रूप में 1459.60 करोड़ रूपये की धनराशि को सम्मिलित करते हुए कुल 3650.06 करोड़ रूपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से  कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे, सीमान्त कृषकों सहित सभी किसानों को उनके निवेश और अन्य कृषि जरूरतों के लिए एक सुनिश्चित आय-सहायता प्रदान कर रही है। किसानों को फसल चक्र के पश्चात, सम्भावित आय प्राप्त होने से पूर्व होने वाले सम्भावित व्ययों की पूर्ति भी सुनिश्चित कर रही है। इस योजना के लागू होने से  किसानों को साहूकारों के चंगुल में पड़ने से भी बचाया जा रहा है। किसानों के हित एंव कल्याण के लिए चलायी गयी यह योजना किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों के आधुनिकीकरण के लिए जहां सक्षम बना रही है, वहींे उनके लिए सम्मानजनक जीवनयापन करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।

सौजन्य से पंजीकृत उ प्र न्यूज फीचर्स एजेन्सी

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