देहरादून: घांघरियां से हेमकुण्ड तक निर्मित होने वाले हेमकुण्ड रोपवे परियोजना को स्वीकार कर लिया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में गठित अधिकार संपन्न मंत्री समूह (म्ळड) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने परियोजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर परियोजना को शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। हेमकुण्ड रोप वे परियोजना पीपीपी मोड में दो चरणों में संचालित होगी। पहले चरण में गोविन्द घाट से घांघरिया तथा दूसरे चरण में घांघरिया से हेमकुण्ड साहिब तक बनायी जायेगी। पहले चरण में घांघरिया से हेमकुण्ड साहिब तक के रोपवे का निर्माण किया जायेगा, इससे यात्रियों को 7 किमी की कठिन चढ़ाई के बजाय रोपवे का विकल्प प्राप्त होगा। घाटी की वास्तविकता को देखते हुए बडे हैलीकाप्टर से सामग्री का ढुलान के किये जाने के कारण तथा निर्माण संबंधी अन्य तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अधिकार संपन्न वित्त समिति (म्ब्थ्) द्वारा इसकी 51 करोड़ रू. की लागत आंकी गयी है। इस परियोजना के निर्माण में उत्तराखण्ड रज्जू मार्ग अधिनियम के प्रविधान लागू होंगे। योजना के प्रथम 5 वर्षों के लिए मनोरंजन कर में छूट प्रदान की जायेगी। इस परियोजना के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संबंधित क्लीयरेंज प्रदान कर दी गई है। नेशनल बोर्ड आॅफ वाइल्ड लाइफ द्वारा भी वन्य जीव विषयक क्लीयरेंस दे दी गयी है। प्रमुख सचिव पर्यटन डाॅ उमाकांत पंवार द्वारा बताया गया कि इस संबंध में प्रख्यात तीन कंपनियों की निविदायें प्राप्त हो चुकी है जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है।