इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए बिजली विभाग पर 1 लाख का जुर्माना ठोका है। जुर्माना इस वजह से लगा है क्योंकि हाईकोर्ट की नोटिस के बाद भी बिजली विभाग द्वारा याचिका के सापेक्ष जवाब नहीं दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट ने इसे पूरी तरह से गलत माना और लापरवाही के ऐवज में एक लाख का जुर्माना भरने का आदेश दिया है ।
जुर्माने की रकम केरल में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए भेजी जाएगी। जिसे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा। हालांकि यह आदेश हाईकोर्ट ने दो दिन पहले ही जारी कर दिया था। लेकिन आदेश की कॉपी अब जारी होने के बाद इसकी वैधानिक प्रक्रिया शुरू हुई है।
बता दें कि हापुड़ विद्युत विभाग से संबंधित एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिजली विभाग को जवाब देने को कहा था। लेकिन कई नोटिसों के बाद भी जब जवाब दाखिल नहीं हुआ तो हाईकोर्ट ने बिजली विभाग पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। इस याचिका पर कई बार हाईकोर्ट द्वारा नोटिस जारी की गई और बिजली विभाग को उनका पक्ष रखने के लिए कहा गया। लेकिन बिजली विभाग हाईकोर्ट की नोटिस को नजरअंदाज करता रहा। लेकिन जब अंतिम मौका देते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस भेजी तो नया चार्ज संभालने वाले मौजूदा अधिशासी अभियंता राकेश कुमार पेश हुए और नए चार्ज का हवाला दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने विभाग व अधिकारी की दलील को सही संतोषजनक नहीं माना और पुरानी नोटिस व पुराने मामलों का जिक्र करते हुए बिजली विभाग पर जुर्माना लगा दिया ।
बाढ़ पीड़ितों की सहायता
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने गौरव शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिजली विभाग को जुर्माने की रकम बैंक ड्राफ्ट के जरिए 11 सितंबर तक रजिस्ट्रार जनरल के नाम से जमा करना है। और फिर जमा की गई रकम की जानकारी हाईकोर्ट को देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को है। जिसके पहले बिजली विभाग को जुर्माने की रकम जमा करनी है। आदेश के अनुसार रजिस्ट्रार जनरल के नाम से पैसा जमा होने के बाद इस रकम को केरल बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए उपयोग किया जाएगा और इसे मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजा जाएगा। source: oneindia