नैनीताल: हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों के 25 अप्रैल 2018 को हुए तबादला आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।
देहरादून कंडोली निवासी पुष्पा सोनी व 150 अन्य ने तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याची के अनुसार 21 दिसंबर 2016 को कांग्रेस सरकार ने अध्यापकों के व्यक्तिगत अनुरोध व पारिवारिक समस्याओं को देखते हुए तबादले किए थे। इसमें लगभग 450 अध्यापकों का तबादला हुआ था। इनमें अधिकांश का दुर्गम से सुगम क्षेत्रो में तबादला हुआ था। इस तबादला आदेश में निर्धारित समय बीत जाने के बाद उनको अपने मूल विद्यालय में जाने की शर्त भी रखी गई थी। लेकिन इसके अंतर्गत आए शिक्षक अपने मूल तैनाती स्थल में नहीं जा पाए हैं।
इधर वर्तमान सरकार ने 25 अप्रैल 2018 को एक आदेश जारी कर ऐसे शिक्षकों का तबादला उनके मूल विद्यालय में कर दिया है। आदेश में कहा है कि जो अध्यापक 31 मई 2018 तक ज्वाइन नहीं करते है तो उनका जून माह का वेतन रोक दिया जाएगा। इसका कारण पर्वतीय जिलों में शिक्षकों की कमी व शिक्षा का स्तर का उठाने के लिए बताया गया है।
याचिका में सरकार के 25 अप्रैल के इस आदेश को याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी। मामले को सुनने के बाद न्यायधीश लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने सरकार के 25 अप्रैल 2018 के आदेश पर रोक लगा दी है।