लखनऊ: मार्ग प्रकाश के लिए सोलर हाई मास्ट लाइटिंग संयंत्र की स्थापना के सम्बन्ध में शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे सार्वजनिक स्थलों, जहां बिजली की उपलब्धता न हो अथवा अनियमित हो, जहां शाम से देर रात तक जनसामान्य का आवागमन रहता है, ऐसे स्थलों जैसे-बस स्टैण्ड, छोटे-छोटे हाट, मेला स्थल, मुख्य मार्ग, चैराहा, पशु बाजार, पेयजल स्रोत, पंचायत घर, प्राथमिक स्वास्थ्य, ए0एन0एम0 केन्द्र आदि पर सोलर हाई मास्ट लाइटिंग की स्थापना कराया जाना उपयोगी होगा।
सार्वजनिक पथ-प्रकाश जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सोलर हाई मास्ट एक अतिउपयोगी संयंत्र है। रात के समय इस संयंत्र से लगभग 25 से 30 मीटर के दायरे में प्रकाश की पूर्ति होती है। ऐसे छोटे-छोटे सार्वजनिक स्थल जहां विद्युत की आपूर्ति अनियमित होती है, वहां जन-सामान्य को प्रकाश की अनुपलब्धता के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सौर ऊर्जा के माध्यम से मार्ग प्रकाश की उपलब्धता से आवागमन में सुविधा, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक उत्थान के साथ-साथ कार्य क्षमता में बढ़ोत्तरी तथा स्वच्छ वातावरण का निर्माण होता है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि संयंत्र की स्थापना हेतु उपयुक्त स्थल का चयन, जनप्रतिनिधियों से परामर्श कर, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा छाया रहित स्थल पर किया जाएगा। समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य नगर अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा आवश्यक रूप से सदस्य होंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि परियोजना का क्रियान्वयन यूपीनेडा द्वारा किया जाएगा। अभिकरण द्वारा प्रदेश सरकार के वित्तीय नियमों के अन्तर्गत ई-टेण्डर के माध्यम से संयंत्रों की आपूर्ति, स्थापना एवं 05 वर्ष की कम्प्रीहेन्सिव मेन्टिनैन्स वारण्टी के साथ दरें एवं आपूर्तिकर्ता फर्मों का चयन करते हुए अनुबन्ध निष्पादित कर, कार्य कराया जाएगा। फर्म द्वारा अभिकरण के जिला स्तर के कार्यालयों के पर्यवेक्षण में चयनित स्थलों पर स्थापना का कार्य कराया जाएगा। स्थापना के उपरान्त सामुदायिक उपयोग, सुरक्षा एवं सामान्य देख-रेख हेतु सोलर हाई मास्ट संयंत्र सम्बन्धित ग्राम पंचायत, नगर पालिका, टाउन एरिया को हस्तगत कर दिया जाएगा।