नई दिल्ली: भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) मुंबई में उच्च गुणवत्ता वाला फेस मास्क विकसित किया गया है। बीएआरसी परमाणु ऊर्जा विभाग से संबद्ध है। एचईपीए फिल्टर का उपयोग करके मास्क विकसित किया गया है और इसके किफायती होने की भी उम्मीद है।
केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पिछले एक साल के दौरान अंतरिक्ष विभाग की प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि परमाणु ऊर्जा विभाग की लगभग 30 इकाइयाँ हैं जिनमें आर एंड डी, शैक्षणिक संस्थान, सहायता प्राप्त अस्पताल, पीएसयू आदि शामिल हैं। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई की स्थापना महान वैज्ञानिक डॉ होमी जे भाभा ने भी की है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के तत्वावधान में कार्य करता है।
पिछले एक वर्ष के दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग की कुछ प्रमुख गतिविधियों और पहलों का जिक्र करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कोविड -19 महामारी के मद्देनजर समाज के समर्थन में आने के लिए वैज्ञानिक समुदाय की सराहना की। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले फेस मास्क के अलावा परमाणु / न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने विकिरण कीटाणुशोधन के बाद व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के पुन: उपयोग के लिए प्रोटोकॉल भी विकसित किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि आरटीपीसीआर परीक्षण किट विकसित करने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि किट अपेक्षाकृत किफायती है और इसके द्वारा तेजी से विश्लेषण होने की उम्मीद है।
पिछले छह वर्षों के दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग को विशेष प्रोत्साहन और बजटीय आवंटन देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज का उल्लेख किया और कहा कि इसमें देश भर में विकिरण निदान संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है जिनसे विभिन्न फलों और सब्जियों के उपयोग-अनुकूल रहने की समयसीमा बढ़ायी जा सकेगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक यह है कि हमने परमाणु ऊर्जा की गतिविधियों का देश के विभिन्न हिस्सों में विस्तार किया है, जबकि पहले, यह केवल दक्षिण भारत या महाराष्ट्र जैसे पश्चिम के कुछ राज्यों तक ही सीमित था। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में गोरखपुर नामक स्थान पर पहला परमाणु संयंत्र स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है, जो दिल्ली के काफी करीब है।