देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्यामपुर में डिग्री काॅलेज खोलने, राजकीय महाविद्यालय भनोली में पदों के सृजन, तलवाडी में अर्थशास्त्र, गरूड़ में गृह विज्ञान, काडा व चन्द्रबदनी में विज्ञान, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारहाट में एम.एस.सी, राजकीय महाविद्यालय रानीखेत व गरूड में गृह विज्ञान व छात्रसंघ भवन, टनकपुर में एम.ए.अंग्रेजी, स्याल्दे में राजनीतिशास्त्र, चन्द्रबदनी में बी.एस.सी, रा.स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में सहा. लाइब्रेरियक पद की स्वीकृति, छात्रावास तथा छात्राओं के लिए कामन हाल के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने चन्द्रावती तिवारी कन्या महाविद्यालय ऊधमसिंहनगर एवं गुरू गोरखनाथ महाविद्यालय, यमकेश्वर का प्रान्तीकरण किये जाने के भी निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में उच्च शिक्षा कृषि, उद्यान, दुग्ध विकास व पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि जिन डिग्री काॅलेजों के भवन निर्माणाधीन हैं उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने लम्बगांव डिग्री काॅलेज में कम्प्यूटर लैब, खेल मैदान, जहरीखाल में बहुउदे्शीय हाल की स्वीकृति भी प्रदान की।
कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने जोशीमठ, मुनस्यारी, नौगांव व नैनबाग में कृषि मण्डी की स्थापना के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि मेलों के आयोजन पर ध्यान देने को कहा। इसके लिए 2-2 लाख की धनराशि भी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में परम्परागत कृषि उत्पादों के उत्पादन के लिए अभियान संचालित करने, इन उत्पादों के क्रय के लिए विभिन्न स्थानों पर क्रय केन्द्र स्थापित करने को कहा। गाॅवो का कलस्टर तैयार कर सूअर रोधी दीवार बनाने तथा जल संग्रहण क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान देने तथा कृषि यंत्रों पर छूट दिये जाने की योजना को अमल में लाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बंगापानी व मदकोट में जैविक मण्डी स्थापित करने, कालाढुंगी को फलमण्ड़ी के रूप में विकसित करने, मंडुवा व चैलाई के लिए अलग-अलग विपणन बोर्ड गठित करने व मण्डी में चैलाई का प्रोसेसिंग प्लान्ट लगाये जाने के भी निर्देश दिए। स्थानीय खाद्यान्नों के उत्पादन को बढ़ावा देने तथा इन्हंें उचित बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में दो फूड मेलों के आयोजन के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बिना बीज की लीची की प्रजाति विकसित करने, भतरोज खान में फल संरक्षण केन्द्र स्थापित करने, फल उत्पादन के कलस्टर तैयार करने, अखरोट मिशन के तहत अधिक से अधिक पेड़ लगाने, खाली घरों में मशरूम उत्पादन के साथ ही इसके लिए रिसोर्स परसन तैयार करने को कहा। इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था हो, उन्होंने मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रही दिव्या रावत को ब्राड एम्बेसडर की जिम्मेदारी देने को कहा। उन्होंने जलवायु परिर्वतन के कारण फलोत्पादन में आ रही गिरावट को दूर करने के लिए जोन मेपिंग के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्रो के साथ इसकी कार्य योजना बनाने को कहा। उन्होंने पुष्पोत्पादन को मण्डी से जोडने पर बल दिया। तेज पत्ता, टिमरू, चाय व जड़ी-बूटी के विकास से सम्बंधित योजनाओं को धरातल पर लाने का भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है।
पशुपालन एवं दुग्ध विकास की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने गौचर में पशु प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के साथ ही दुग्ध उत्पादन के लिए बद्री गाय योजना के क्रियान्वयन पर बल दिया। इस योजना को पर्वतीय क्षेत्रों के नौ जनपदों में विशेष रूप से संचालित किये जाने को कहा। उन्हांेंने दुग्ध संघो को मजबूती प्रदान करने पर बल देते हुए दुग्ध संघ अल्मोड़ा को 25 लाख तथा नवाडगदेरे में चिली प्लांट लगाने, दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वंय सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने तथा महिला स्वंय सहायता समूहों को प्रति लीटर 6 रूपये बोनस दिये जाने की योजना के लिए 30 लाख की धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विभिन्न विभागों से सम्बंधित उनके द्वारा जनहित से जुड़ी जो घोषणाएं की गई हंै उन पर शीघ्र अमल किया जाये ताकि जनता को उनका लाभ मिल सके। बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव डा0 रणवीर सिंह, सचिव अमित नेगी, डी.एस.गब्र्याल, अपर सचिव डा0 रणजीत सिन्हा, जे.पी.जोशी, आर. सी. शर्मा निदेशक उद्यान बी.एस. नेगी व सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।