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उच्च शिक्षण संस्थान विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से छात्रों तक पहुंचा रहे हैं पाठ्य सामग्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण वर्तमान में प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थान में पठन-पाठन स्थगित है परन्तु शिक्षण की निरन्तरता को बनाये रखने में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। निःसन्देह लॉकडाउन के उपरान्त होने वाली विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को पूरा करने तथा उसके रिवीजन के लिए ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था ही एक मात्र विकल्प है। उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में निरन्तर विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को दिशा निर्देश जारी कर रहा है। सभी उच्च शिक्षण संस्थान ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को अपने विभिन्न ऑनलाइन शिक्षा के विकल्पों के माध्यम से छात्रों तक पाठ्य सामग्री पहुंचा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि डॉ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से सम्बद्ध सेंट जोंस कालेज, आगरा के शिक्षक छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा की तैयारी करा रहे हंै। छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री व्हाट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराया जा रहा है। जूम क्लाउड मीटिंग एप के द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं भी लगायी जा रही हैं। बीबीए, बीएड और डीएलएड की नियमित ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। इसी प्रकार चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के शिक्षक लगातार ऑनलाइन साधनों के अनुसार पाठ्य सामग्री को विद्यार्थियों को उपलब्ध करा रहे हैं। शिक्षक विभिन्न प्रश्न पत्रों के नोट्स स्वयं तैयार कर व्हाट्सएप, ई-मेल एवं यूट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं। शिक्षक स्वयं सुविधा और साधन की उपलब्धता के साथ विद्यार्थियों को पढा रहे हैं। लगभग 75 प्रतिशत तक कोर्स पूरा कराया जा चुका है। स्टडी मैटीरियल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया गया है जिससे विद्यार्थियों को अधिक से अधिक लाभ हो सके। छात्रों को ऑडियो-वीडियो लेक्चर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ऑनलाइन कक्षाओं से दी जा रही शिक्षा का लाभ परम्परागत विषयों के विद्यार्थियों तक पहुंच रहा है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के शिक्षक लैपटॉप के माध्यम से कक्षा लेने में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों का उत्साह देखते बनता है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति के निर्देशन में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की काउसिलिंग भी फोन के माध्यम से की जा रही है। ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन को विश्वविद्यालय के द्वारा विद्यार्थियों के हित में लिया गया एक बहुत बड़ा कदम है। विद्यार्थियों ने ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन को एक ऐतिहासिक कदम बताया है। निःसंदेह वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी छात्रों के निर्बाध पठन-पाठन की दिशा में अत्यन्त सराहनीय कार्य कर रहा है।
प्रयागराज में इंजीनियरिंग, मेडिकल, क्लैट और सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने वाले संस्थानों में ऑनलाइन क्लास प्रारंभ की गई हैं यह व्यवस्था कोरोना के चक्रव्यूह को भेद रही है। अब विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्लासेज से उनकी बोरियत खत्म हो गयी है तथा उनकी तैयारी यूट्यूब, स्काइप, जूम और व्हाट्एप जैसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से हो रही है।

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