नई दिल्ली: रसायन एंव उर्वरक मंत्रालय के केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स विभाग ने अपने सार्वजनिक उपक्रमों को निवेश की तलाश में जुटी वैश्विक कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम लगाने की संभावनाओं का पता लगाकर प्रदर्शन बेहतर करने का सुझाव दिया है। पेट्रोकेमिकल्स विभाग ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा के निर्देश पर यह पहल की है। श्री गौड़ा ने कहा है कि भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों विशेष रूप से उनके मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों को कोविड-19 से उत्पन्न विषम परिस्थितियों को अवसर के रूप में बदलते हुए विदेशों से निवेश आकर्षित करने का प्रयास करना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री की इस सलाह पर पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एचआईएल इंडिया लिमिटेड ने अपने व्यावसायिक क्षेत्र का विस्तार करने के प्रयासों के तहत चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में स्थित भारतीय दूतावासों / उच्चायोंगो को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि वे संबंधित देशों में कृषि-रसायन क्षेत्र से जुड़े उत्पादकों को भारत में उसके साथ व्यवसाय के लिए संयुक्त उद्यम लगाने के लिए आमंत्रित करें।
कोविड-19 संकट के कारण आ रही कई तरह की बाधाओं के बावजूद एचआईएल पूरे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए डीडीटी जैसे आवश्यक रसायनों तथा कृषि क्षेत्र के लिए बीजों और कीटनाशकों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।
कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से एचआईएल की इकाइयों में उत्पादन प्रभावित हुआ है। हालाँकि कंपनी ने 24 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान बिक्री के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है। इस अवधि में कंपनी ने 37.99 मिट्रिक टन कृषि रसायन की बिक्री और 97 मिट्रिक टन डीडीटी की आपूर्ति की। इसके अतिरिक्त पेरू को 10 मिट्रिक टन मैनकोजेब 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी का निर्यात आर्डर पूरा किया । एचआईएल ने एक समझौते का भी मसौदा तैयार किया है जिसे कृषि मंत्रालय को भेजा गया है। इसके तहत टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए कृषि मंत्रालय को मैलाथियोन टेकनिकल रसायन की आपूर्ति की पेशकश की गई है।