हिमाचल की खूबसूरत वादियां एक झटके में गमगीन हो गईं। कल 700 फीट गहरी खाई में स्कूल बस गिरने से कुल 27 मौतों में 23 मासूम बच्चे शामिल थे। जिनका अंतिम संस्कार आज एक साथ कांगड़ा जिले के नूरपुर में किया गया। इस दौरान मरने वाले बच्चों के परिजनों पर जो बीती वो देख किसी की भी आंख नम हो जाए! ऐसे में हिमाचल की वादियां भला कहां गुलजार दिखतीं, फिजाओं में घुले धुएं ने सभी को एक दम से चुप कर दिया।
नूरपुर के करीब आधा दर्जन गांव मंगलवार को मातम में डूबे रहे। ठेहड़, खुआड़ा, सुल्याली, फंगोता, हारगतला और लखनाहट आदि गांवों में किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। सोमवार शाम से इन गांवों में किसी भी परिवार के लोगों ने अन्न ग्रहण नहीं किया। मासूम बच्चों की मौत के गम में हर किसी की आंख नम थी।
ठेहड़ पंचायत की प्रधान इंदुबाला ने बताया कि गांवों में मातम पसरा है। कई मां-बाप अपने लाडलों को खो चुके हैं। गमगीन गांवों के परिवारों में चूल्हा तक नहीं जला है। मातम में डूबे लोग अन्न ग्रहण नहीं कर रहे हैं।
सुबह 7 बजे नूरपुर अस्पताल का पूरा परिसर चीखपुकार से गूंज रहा था। करीब 7.30 बजे बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। ठेहड़, खुआड़ा, कुठेड़, सुल्याली और फंगोता गांवों के अभागे मां-बाप और रिश्तेदार सुबह ही बच्चों के शवों को लेने के लिए अस्पताल पहुंच गए थे। करीब 9:30 बजे शव परिजनों को सौंपने शुरू किए गए। इसके बाद माहौल बेहद गमगीन हो गया। मां-बाप बच्चों के शवों से लिपट-लिपट कर रोने लगे। जिन बच्चों को गोद में खिलाया, उन लाडलों के शव कंधे पर उठाए पिता की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे।
अस्पताल प्रशासन ने बच्चों के शवों को सम्मानपूर्वक विदा किया। शवों को घरों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन ने दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों की व्यवस्था की थी। एक गाड़ी में एक शव रखा गया था। गाड़ी के बाहर मृतक बच्चे का नाम और निवास स्थान लिखा था। इसके अलावा गाड़ियों के शीशों पर श्रद्धांजलि का पोस्टर भी चिपका हुआ था।
बच्चों को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, सांसद शांता कुमार, नेता प्रतिपक्ष मुकेेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी, खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर और विधायक राकेश पठानिया नूरपुर अस्पताल पहुंचे थे।
दरअसल कल नूरपुर में बच्चों को छुट्टी के बाद घर छोड़ने जा रही 42 सीटर स्कूल बस 700 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 4 से 12 साल की उम्र के बीच के 23 बच्चों की मौत हो गई। इनमें तेरह बच्चे व दस बच्चियां हैं। इसके अलावा बस के चालक, एक महिला व एक पुरुष शिक्षक और एक अन्य महिला की भी हादसे में जान चली गई। अमरउजाला