हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लोक कलाकार विद्यानंद सरैक ने पारंपरिक वेशभूषा में सोमवार को पद्मश्री सम्मान लिया। साहित्य के क्षेत्र में विद्यानंद सरैक को यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया। विद्यानंद जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय की पारंपरिक वेशभूषा काला लोइया और हिमाचली टोपी पहनकर पद्मश्री सम्मान लेने हाथ जोड़कर डायस की तरफ गए। उन्होंने राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान लेते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें वर्ष 2018 में भी उन्हीं के हाथों राष्ट्रपति अवार्ड मिला था।
आज भी पद्मश्री सम्मान मिल रहा है। उनके साथ उनके पुत्र रमेश सरैक व जगमोहन सरैक, दो पोते दीपक सरैक व ईशान सरैक और रिश्तेदार विक्रम गंधर्व उपस्थित रहे। विद्यानंद सरैक ने बताया कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहे। सभी सम्मान प्राप्त करने वालों से बहुत आत्मीयता से मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय से हैं और वह हाटी समुदाय का ध्यान रखें। प्रधानमंत्री ने उनकी बात को ध्यान से सुना।
हिमाचली टोपी देख पीएम बोले – मैंने पहचान लिया आप हिमाचल से हैं
विद्यानंद सरैक के पुत्र रमेश सरैक ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में आए तो वह उनके पिता से मिले। हिमाचली टोपी को देखकर पीएम ने कहा कि मैंने पहचान लिया आप हिमाचल से हैं। मुझे हिमाचल से विशेष लगाव है। रमेश ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के आत्मीयता से उनकी बांह पकड़कर मिलने से अभिभूत हुए। विद्यानंद सरैक ने बताया कि रात्रिभोज में वह गृहमंत्री अमितशाह से मिलेंगे और उन्हें हिमाचली टोपी पहना कर सम्मानित करेंगे। इस दौरान वह गृह मंत्री से भी हाटी को जनजातीय दर्जा दिलाने का आग्रह करेंगे।