देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत की पहल पर बुधवार को हिमालय दिवस पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद व पद्मश्री सुंदरलाल बहुगुणा ने स्कूली बच्चों व उपस्थित लोगों को हिमालय बचाओ की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में मुख्यमंत्री हरीश रावत, शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी भी शामिल थे।
हिमालय बचाओ जागरूकता रैली को भी रवाना किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस वर्ष 20 प्रतिशत पिरूल के उपयोग की कार्ययोजना बनाई जा रही है। क्षेत्र विशेष की ऊंचाई के अनुसार वृक्षारोपण किए जाने की योजना भी बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि अभी तक हिमालय संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास शोध संस्थानों तक सीमित थे। अब इन्हें जनअभियान का रूप दिया गया है। हमने संकल्प लिया है कि हमारी नीतियों का केंद्र हिमालय होगा। आर्थिक विकास व रोजगार को प्रकृति के साथ जोड़ना होगा। पिछले दिनों हरेला के तहत वृक्षारोपण का इतना बड़ा अभियान चलाया गया जिसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वन पंचायतें हमारे राज्य में एक अनूठा सिस्टम है। वन पंचायतों के जरिए हिमालय संरक्षण को मुहिम का रूप देने के लिए हम वन पंचायतो के चुनाव करवाने जा रहे हैं। आशा है इसमें 60 फीसदी महिलाएं निर्वाचित होकर आएंगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पिरूल के उपयोग के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस वर्ष प्रयास किया जाएगा कि 20 प्रतिशत पिरूल का उपयोग किया जा सके। निश्चित ऊंचाई में निश्चित वृक्षों के वनों को विकसित किया जाएगा। अधिक ऊंचाई के क्षेत्रों में सेब व अखरोट के वृक्ष, मध्य ऊंचाई के क्षेत्रों में माल्टा, नींबू आदि जबकि कम ऊंचाई व मैदानी क्षेत्रों में तेज पŸाा, अमरूद व आम के वृक्षों को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हिमालय को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर सकारात्मक मुहिम चलानी चाहिए ताकि उŸाराखण्ड की आवाज पूरी दुनिया तक पहुंच सके।
शिक्षामंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के कुशल नेतृत्व में हिमालय बचाओ की मुहिम प्रारम्भ की गई है। हिमालय बचेगा तभी जीवन भी बचेगा।