कर्णप्रयाग: हिमालयन उत्पादों को बढ़ावा और विपणन के लिए कालेश्वर में शुक्रवार से दो दिवसीय हिमालयन कॉन्क्लेव का आगाज हुआ। कॉन्क्लेव के पहले दिन कंपनी (क्रेता) और किसानों के समूह (विक्रेता) के बीच करीब 65.30 लाख के एमओयू साइन किए गए। इसके साथ ही क्रेता (बायर्स) कंपनियों के प्रतिनिधियों को उत्पादों और उत्पादन क्षेत्रों से संबंधित कई जानकारियां दी गईं। इस दौरान ऊनी उत्पादों की सबसे अधिक डिमांड रही।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्राम गृह में आयोजित दो दिवसीय कान्क्लेव का शुभारंभ मुख्य अतिथि अल्मोड़ा के डीएम नितिन भदौरिया ने किया। उन्होंने चमोली जिले की इस पहल को उत्तराखंड के लिए एक उपलब्धि बताया। कान्क्लेव में कंपनियों को यहां के उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद ट्राईफेड ने उद्योग विभाग के साथ हैंडलूम उत्पादन में शॉल, कोट, पट्टी के लिए 25 लाख, रूरल इंडिया क्राफ्ट ने नैटलयान (बिच्छू घास धागा) खरीदने के लिए 16 लाख, मंदाकिनी महिला बुनकर समिति गुप्तकाशी की ओर से ऊन खरीद के लिए 7 लाख और कल्प ऊन इंडस्ट्री कालेश्वर की ओर से ऊन खरीद के लिए 10 लाख, पूजा सिल्क हॉउस ने नेटलयान धागा (बिच्छू घास का धागा) खरीदने के लिए 5.30 लाख, गोवर्द्धन स्टूडियो ने स्क्रैपर्स और टेबल रनर क्रय के लिए 2 लाख का एमओयू साइन किया। इसके अलावा खादर कंपनी, आरएस क्राफ्ट, पतंजलि, फ्रैंको इंडिया ने हैंडलूम तथा सेब नर्सरी के लिए उद्योग और उद्यान विभाग के साथ एमओयू साइन किए।
कार्यक्रम में डीएम स्वाति एस. भदौरिया, जैव विविधता के तकनीकी विशेषज्ञ डा. अनिल कुमार जोशी, सीडीओ हंसादत्त पांडे, मुख्य उद्यान अधिकारी नरेंद्र यादव, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक डा. एमएस सजवाण, जिला सहायक कृषि अधिकारी डा. जितेंद्र भास्कर आदि ने जिले में लघु उद्यमियों की ओर से तैयार किए जाने वाले उत्पाद, कृषि और उद्यान संबंधी उत्पादन की जानकारी दी। अमर उजाला