नई टिहरी: एच0एन0बी0 गढवाल विश्वविद्यालय के स्वामी मनमंन्थन प्रेक्षा गृह चैरास में गढवाल मंण्डल के वन पंचायत सम्मेलन को फोन के द्वारा सम्बोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि गाॅव राज्य की आय बढाने के लिए वन पंचायते मुख्य भूमिका निभा सकती है। सम्मेलन में स्वंय मुख्यमंत्री को उपस्थित होना था लेकिन हैलिकाॅप्टर की खराबी के कारण सम्मेलन मे शिरकत नही सके। उन्होने फोन पर कहा कि न पंचायतों के द्वारा जो सुझाव सरकार पास आयेगे उनपर सरकार कारगर कदम उठायेगी।
उन्होने कहा कि जल स्त्रोतो के संर्वधन के लिए वन पंचायतो का पूरा-पूरा सहयोग लिया जायेगा। स्वंय के उपस्थित न होने पर उन्होने कहा कि दौबारा वन पंचायत सम्मेलन में हर हाल मे उपस्थित होगे। इस अवसर पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल व शिक्ष मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर वन मंत्री ने कहा कि वन पंचायते वनों की रक्षक होती है। उन्होने वनो बचाने के लिए महिला वन पंचायतों का सहयोग लेने की बात कही।
सम्मेलन में 101 वन पंचायतों को दो-दो लाख रु0 प्रोत्साहन राशि के रुप में दिये गये, कुल 2 करोड 4 लाख रु0 वितरित किये गये। अस अवसर पर वन मंत्री ने कहा कि जंगली जनवरों से फसल की सुरक्षा हेतु प्रदेश सरकार द्वारा चिडियापूर, रानीबाग, अल्मोडा व टिहरी चार स्थानों पर बन्दर बाडें बनाये जायेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा वनों के लिए बनायी गई योजना मेरा पेंड मेरा धन संचालित की गई है जिसमें प्रत्येक पेड के लिए तीन साल मे 500 रु प्रोत्साहन के रुप में दी जायेगी। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश में 1 हजार मीटर की उॅचाई पर चीड के पेडों को हटाकर चारा पत्ती के पेड लगायेगी। तथा पहाडों मे रोजगार के साधनों को बढाने के लिए ईको टूरिज्म को बढावा दिया जायेगा। उन्होने कहा कि महिला स्वंय सहायता समूह के द्वारा जो पौधशाला तैयार की जायेगी उन्हे जनता और जायका के अन्र्तगत 50 हजार रु की धनराशी अनुदान के रुप दी जायेगी।
इस अवसर पर पेयजल व शिक्षा मंत्री ने कहा कि वन पंचायतों के सहयोग से छोटे-छोटे क्षेत्र बनाकर वनों को बचाया जायेगा एव जल श्रोतों को बचाया जायेगा। तथा फलदार पेडों को अािधक से अधिक लागया जायेगा। इस अवसर पर वन मंत्री ने वन पंचायत माणा(चमोली) के सरपंच को शाॅल भेंटकर सम्मानित किया।