पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना आज क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से मिली हार के साथ टूट गया और आक्रामकता के इस मुकाबले में डच टीम का अनुभव मेजबान पर भारी पड़ा । खचाखच भरे कलिंग स्टेडियम पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने पूरे साठ मिनट ‘चक दे इंडिया’, ‘जय हिंद’ और ‘कम आन इंडिया ‘ के नारे लगाकर भारतीय टीम की हौसलाअफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
मैच देखने के लिये स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे थे। भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन भी किया लेकिन 50वें मिनट में वान डेर वीरडेन मिंक के पेनल्टी कार्नर पर किये गोल ने उसे इतिहास रचने से रोक दिया। मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिये आकाशदीप सिंह ने किया जबकि नीदरलैंड के लिये 15वें मिनट में थियरे ब्रिकमैन ने बराबरी का गोल दागा।
तीन बार की चैम्पियन और पिछली उपविजेता नीदरलैंड को भारतीयों ने 50वें मिनट तक बराबरी पर रोके रखा। भारतीय डिफेंडरों ने खास तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते डच फारवर्ड पंक्ति के कई शानदार मूव गोल में तब्दील नहीं होने दिये। भारतीय टीम ने पहले मिनट से ही आक्रामक हाकी खेलते हुए पहले क्वार्टर में कई हमले बोले । तीसरे मिनट में हाॢदक सिंह से गेंद लेकर ललित उपाध्याय ने सर्कल के भीतर आकाशदीप को क्रास दिया जो ट्रैप नहीं कर सके।
🏑 | LIVE | @TheHockeyIndia’s World Cup dream is over! @oranjehockey are through to the semi-finals of the Odisha Hockey Men’s World Cup Bhubaneswar 2018!
SCORE: 1-2#HWC2018 #Odisha2018
🇮🇳 #INDvNED 🇳🇱 pic.twitter.com/P9hCQQHwB8— Odisha Sports (@sports_odisha) December 13, 2018
भारत को लगातार हमलों का फल 12वें मिनट में पेनल्टी कार्नर के रूप में मिला जिस पर हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक नीदरलैंड के गोलकीपर परमिन ब्लाक ने बचा ली लेकिन रिबाउंड पर आकाशदीप ने गेंद को गोल के भीतर डाला तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया । पहला गोल गंवाने से स्तब्ध डच टीम ने दमदार जवाबी हमले बोले और 14वें मिनट में भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने र्शितया गोल बचाया ।
पहले क्वार्टर के आखिरी चंद सेकंड तक भारतीय डिफेंस अभेद नजर आ रहा था लेकिन नीदरलैंड ने आखिरी पल में बराबरी का गोल दाग दिया । मरको प्रूजर ने सर्कल के भीतर गेंद पहुंचाई और थियरे ब्रिकमैन की स्टिक से लगकर वह भारतीीय गोल के भीतर चली गई जिसे गोलकीपर श्रीजेश हैरान होकर देखते रहे । दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम कई बार गोल करने के करीब पहुंची लेकिन फिनिशिंग तक नहीं ले जा सकी।