देहरादून: किसी भी युवती या महिला को ‘बेबी’ या ‘हनी’ पुकारने पर जेल भी हो सकती है। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने
महिलाओं के प्रति हिंसा या यौन उत्पीडऩ को रोकने के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करने की शुरुआत की है। स्कूल-कॉलेजों को इस संबंध में जानकारी दी गई है। आयोग की अध्यक्ष सरोजिनी कैंत्युरा ने कहा कि अधिकतर महिलाएं आपत्तिजनक बर्ताव की अनदेखी कर देती हैं, जिससे उनको मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अप्रेल से दिसंबर 2015 तक 1,118 शिकायतें आई हैं, जिसमें से अधिकतर शिकायतें उत्पीडऩ मामलों की थीं।
महिलाओं की निजी जिंदगी के बारे में अफवाहें फैलाना, आपत्तिजनक टिप्पणियां करना, चुटकुले बनाना, अश्लील चित्र या मैसेज भेजना आदि उत्पीडऩ के अंतर्गत आता है। सरोजिनी का मानना है कि इस पहल से युवा पीढ़ी को महिलाओं से जुड़े क़ानूनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे वे ये जान सकें कि किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर जेल भी जाना पड़ सकता है।