लखनऊ: प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी की अध्यक्षता में आज खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यालय में ‘‘उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’’ की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राम गोपाल उर्फ गोपाल अंजान सहित सभी सदस्यों ने प्रतिभाग किया और खादी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर निर्णय लेते हेतु आगे की रणनीति भी तय की गई। इस बैठक में प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल भी मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि हाथ कागज केन्द्र कालपी जालौन को पी0पी0पी0 माडल के आधार पर पुनः संचालित कराया जायेगा। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कौशल विकास योजनाओं से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखण्ड के विकास हेतु वहां एक ट्रेनिंग संेटर स्थापित कराया जायेगा। साथ ही विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कामगारों को 250 रुपये प्रतिदिन मानदेय दिये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायेगी।
खादी मंत्री ने कहा कि विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को बहुत कम मानदेय मिल रहा है। मंहगाई को देखते हुए इनको दिये जाने वाला मानदेय पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसमें वृद्धि आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर आपरेटर को 16 हजार, समूह ग के कर्मी को 15 हजार तथा समूह ‘घ’ के कर्मचारियों को 10 मानदेय दिया जाना चाहिए। इसपर बोर्ड के सभी सदस्यों ने अपनी सहमति व्यक्त की।
नवनिर्मित खादी भवन में इम्पोरियम/स्टाल (हाॅल) के आवंटन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री पचैरी ने कहा कि खादी बोर्ड मुख्यालय पर निर्मित नवीन भवन के भूतल पर 05 एवं प्रथम तल पर 08 कुल 13 हाल हैं। जिसे खादी एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों के प्रचार-प्रसार एवं विपणन हेतु आवंटित किया जाना है। उन्होंने भूतल पर खादी बोर्ड का एम्पोरियम बनाने, एक हाल झारखण्ड राज्य के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के लिए आरक्षित करने तथा तीन हाल देश के अन्य विभिन्न राज्यों के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को आवंटित करने पर विशेष बल दिया। साथ ही इसमें 02 सूट और 2 कमरों का गेस्ट हाउस बनाने पर सहमति बनी। उन्होंने आवंटन की प्रकिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाने के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक के दौरान कानपुर के बिल्हौर में झारखण्ड राज्य की तर्ज पर खादी पार्क की स्थापना पर सहमति बनी और एक समिति द्वारा झारखण्ड में स्थापित खादी-पार्क का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने के लिए खादी मंत्री ने अधिकारियों को दिये। उन्होंने यह भी कहा कि जहां-जहां बोर्ड की जमीन है, तत्काल उसकी चाहरदीवारी कराई जाय।
प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने बैठक में बोर्ड के पदाधिकारियों को विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रमुख रूप से तीन योजनाएं संचालित है, इनमें मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं पं0 दीनदायाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग नीति जारी की गई है। जिस प्रकार से बड़े उद्योग लाभ मिला करता था, उसी प्रकार छोटे उद्योगों को सहूलित देने की व्यवस्था बनाई गई है। सोलर चर्खे से बने वस्त्र को खादी की मान्यता देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।