नई दिल्ली: समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैतियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग (आरईसीएएपीआईएससी) के वास्ते क्षमता निमार्ण पर आज नयी दिल्ली में 12वीं कार्यशाला का आयोजन किया गया। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के अतिरिक्त महानिदेशक श्री वीएसआर मूर्ति और आरईसीएएपीआईएससी के कार्यकारी निदेशक श्री मासाफुमी ने संयुक्त रूप से इसका उद्धाटन किया।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री मूर्ति ने समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैतियों की समस्या से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग नेटवर्क बनाने तथा विभिन्न हितधारकों के बीच सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया को सुगम करने के संबंध में आरईसीएएपीआईएससी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आरईसीएएपी समझौते के तहत क्षमता निर्माण को परस्पर सहयोग का मजबूत स्तभं बताते हुए कहा कि इसके लिए तीसरी बार कार्यशाला आयोजित कर भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आरईसीएएपीआईएससी के कार्यकारी अधिकारी श्री कूरोकी ने समुद्री मार्ग से होने वाले परिहवन को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेसियों और खासतौर से तटरक्षक बलों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का आदान प्रदान सरकारों और जहाजरानी उद्योग की एक साझा जिम्मेदारी है। सही समय पर सटीक जानकारियों का आदान प्रदान इसके उद्श्यों की पूर्ति करता है।
कार्यशाला का आयोजन भारतीय तटरक्षक बल और आरईसीएएपी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इसके सूचना साझा केन्द्र में संबंधित मंत्रालयों के साथ ही राजनयिक कोर के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।कार्यशाला में प्रतिभागियों को समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैती से संबंधित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, अभियोजन प्रक्रियाओं, फोरेंसिक और उभरते खतरों से निबटने की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा ।