देहरादून: उत्तराखण्ड में एम्प्लाॅयमेंट एक्सचेंज में इस प्रकार की व्यवस्था की जाएगी कि यहां पढ़ने वाले सभी छात्र छात्राओं के नाम स्किल सहित दर्ज हो। यह डाटा देश विदेश के औद्योगिक संस्थान एक क्लिक पर आॅनलाईन प्राप्त कर सकेंगे और अपनी आवश्यकता के अनुसार मेनपावर प्राप्त कर सकेगे।
श्री गुरू रामराय इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलोजी एंड साईंस में आयोजित ‘‘एचआर कानक्लेव 2015 ए समिट आॅन एनहांसिंग एम्प्लाॅईबिलिटी स्किल्स’’ में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में योग्य, शिक्षित, दक्ष व युवा मेनपावर है। उद्य़ोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। राज्य में दूसरे राज्यों की तुलना में निवेश की बेहतर परिस्थितियां हैं। यहां विश्वप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान हैं। हमारा शिक्षा का आधार बहुत व्यापक है। यहां आईटीआई, पाॅलिटेक्नीक, इंजीनियरिंग व मेडिकल शिक्षण संस्थानें यहां की आबादी को देखते हुए बहुत अधिक संख्या में हैं। हमें इसे स्ट्रिमलाईन करने की आवश्यकता है। आज की आवश्यकता व बाजार की मांग के अनुरूप युवाओं में दक्षता का विकास करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि युवा समय के साथ चलें और सिर्फ नौकरी लेने वाले बनने के बजाय नौकरी देने वाले भी बनें। उद्यमिता का विकास किया जाना जरूरी है। हमने इस वर्ष एक हजार लघु उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने स्किल इंडिया की बात कहते हुए स्किल मिशन लान्च किया था। हमें अपनी सम्भावनाओ व क्षमताओं को पहचानने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास को वर्टिकल होने के साथ ही हाॅरीजेंटल भी होना चाहिए।
केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है इन्हें पहचानने व तराशे जाने की आवश्यकता है। हमें भी अपने युवाओ को वर्तमान औद्योगिक जगत की मांग के अनुरूप दक्ष करना होगा।