नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के कार्यकारी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में परिषद से संबंधित विभिन्न मुद्दों विशेषकर देश के भीतर और बाहर सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक के दौरान मंत्री के समक्ष एनसीपीएसएल की गतिविधियों की प्रस्तुति दी गई और उन्हें अगले पांच वर्षों के दौरन परिषद द्वारा की जाने वाली गतिविधियों से संबंधित एक दृष्टिपत्र के बारे में बताया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री ने जोर देकर कहा कि उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए गैर-सरकारी संगठनों को जो अनुदान दिए जाते हैं उनका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सदस्यों को समय-समय पर गैर सरकारी संगठनों का निरीक्षण करने की भी सलाह दी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जारी किए गए अनुदान का उपयोग पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने परिषद के सदस्यों को यह भी सुझाव दिया कि परिषद की गतिविधियों के संचालन में वे निदेशक और उपाध्यक्ष के साथ मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह संदेश आम जनता तक पहुंचे कि सरकार सिंधी भाषा के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री ने इच्छा जताई कि सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार संबंधी गतिविधियों के लिए दिए गए वित्तीय अनुदान का उपयोग करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। मंत्री ने सिंधी भाषा सीखने के पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी की सराहना की। इन छात्रों की संख्या 2018-19 में 4,307 थी जो बढ़कर 2019-20 में 9,680 हो गई।
मंत्री ने सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के गीत “कुलगीत” का भी उद्घाटन किया और परिषद की सिंधी भाषा में तीन पुस्तकों का विमोचन किया। परिषद ने “सामुदायिक रेडियो” के माध्यम से सिंधी भाषा के प्रसार पर भी चर्चा की। दृष्टिपत्र एवं अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।