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व्यावहारिक औद्योगिक नीति से उत्तराखंड में आ रहा है भारी निवेश: मुख्यमंत्री रावत

उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उनकी सरकार की व्यावहारिक औद्योगिक नीति की वजह से राज्य में बड़ी मात्रा में निवेश आ रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि निवेश का प्रवाह आगे भी निर्बाध जारी रहेगा।

उत्तराखंड की स्थापना के 20 साल पूरे हो रहे हैं।

रावत ने देहरादून में पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में कहा कि वह उत्तरखंड को एक रोमांचक तथा स्वास्थ्य या सेहत से जुड़े पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं। उन्होंने राज्य से आबादी का पलायन को रोकने के लिए अपनी सरकार द्वारा रोजगार सृजन और स्व-रोजगार से जुड़े अवसरों से संबंधित कई योजनाओं की भी चर्चा की।

रावत ने बातचीत में कहा, ‘‘पिछले 20 साल में उत्तराखंड में काफी विकास हुआ है, लेकिन अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। मौजूदा भाजपा सरकार राज्य के चैतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि उत्तराखंड हमेशा देश का सबसे तेजी से आगे बढ़ता राज्य बना रहेगा।’’

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वर्ष 2000 में उत्तराखंड अलग राज्य बना था। सोमवार को उत्तराखंड का 21वां स्थापना दिवस है।

रावत ने राज्य के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के समर्थन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को शुरू किया गया है। इन परियोजनाओं में 16,216 करोड़ रुपये की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, 12,500 करोड़ रुपये की सभी मौसम में चालू रहने वाली सड़क परियोजना और 1,370 करोड़ रुपये की नमामि गंगे परियोजना शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सब कार्यों के साथ एक तरफ श्रद्धालुओं के लिए चार धाम की यात्रा सुगम होगी, वहीं ये सभी योजनाएं उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। ’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘देवभूमि उत्तराखंड’ के चैमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। देवस्थानम बोर्ड के गठन से जहां एक तरफ तीर्थ यात्रियों को और सुविधाएं उपलब्ध होंगी वहीं चार धाम और अन्य धार्मिक स्थलों का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि चार धाम सहित अन्य मंदिरों के इलाकों में ढांचागत विकास के साथ स्थानीय लोगों, पुजारयों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

रावत ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी तरह की कोताही नहीं करने यानी जीरो टोलरेंस की नीति को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि भ्रष्टाचार में शामिल किसी अधिकारी या व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार दीमक की तरह व्यवस्था को खोखला कर देता है। अभी तक 250 से अधिक लोगों पर कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।’’

कोरोना वायरस महामारी के दौरान राज्य सरकार की विभिन्न कल्याण योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान छह लाख से अधिक उत्तराखंडी विभिन्न राज्यों से अपने घर वापस आए हैं। ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों के प्रवासियों को कैसे रोका जाए, इसके लिए मेरी सरकार ने रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनाने की नीति पर काम किया।

रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के तहत 150 से अधिक कार्य क्षेत्रों में सब्सिडी प्रदान कर युवाओं को स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्व-रोजगार योजना के तहत 10,000 युवाओं को स्व-रोजगार मिलेगा। उन्हें 25केवी की 10,000 परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी।

रावत ने बसों और मोटरबाइक के लिए सब्सिडी योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने वन प्रहरियों की नियुक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि इससे 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

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