लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि गन्ना किसानों का शत-प्रतिशत भुगतान करने वाली चीनी मिलों को राज्य सरकार विशेष रूप से प्रोत्साहित करेगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में चीनी मिलों द्वारा किए गए भुगतान की अद्यतन जानकारी प्राप्त करते हुए नये पेराई सत्र की तैयारियों का भी जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए गन्ना किसानों का हित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय से कराने के लिए पेराई सत्र के प्रारम्भ से ही हर सम्भव तैयारी पहले से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन चीनी मिलों के प्रबन्धक भुगतान में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन के मामले में देश में पहले नम्बर पर है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में निजी चीनी मिलों के अलावा सहकारी चीनी मिल संघों की मिलों ने भी चीनी की रीकवरी में अच्छी प्रगति की है। गत पेराई सत्र में सहकारी चीनी मिल संघों द्वारा करीब 400 करोड़ रुपए की अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया गया। उन्नत प्रजाति के गन्ने की खेती को प्रोत्साहन देने तथा अन्य कृषि निवेशों की समय पर उपलब्धता के कारण प्रदेश में गन्ने का उत्पादन प्रति हेक्टेयर में गत पेराई सत्र में 07 टन प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त वृद्धि हुई थी, जो वर्तमान पेराई सत्र में और अधिक बढ़ने की सम्भावना है। बंसल, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पंकज अग्रवाल, जल व्यवस्था श्री दुर्गा जी मंदिर समिति की ओर से होगा। पाण्डाल 36 हजार वर्गफुट में बनाया जा रहा है, जो कि 11 नवंबर को सुबह 10:00 बजे से भूमिपूजन के बाद बनाना शुरू किया जाएगा। यहां पर 10 हजार श्रोताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। लखनऊ के अलावा सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, बहराइच, गोण्डा, बाराबंकी के सभी प्रमुख मंदिरों में कथा के बैनर लगाए जाएंगे। 27 नवंबर से चार दिसंबर तक कथा के बाद रोजाना भंडारे का आयोजन होगा।